कबाड़ दुकानदारों द्वारा जीएसटी की भारी चोरी, जिम्मेदार मौन
हर महीने राजस्व को लाखों रुपये की क्षति

आर. एन. सिंह (संवाददाता)
चोपन/सोनभद्र:
स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत कबाड़ दुकानदारों द्वारा फर्जी जीएसटी बिल लगाकर गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे हर महीने राजस्व को लाखों रुपये का चूना लग रहा है। जनपद के कई स्थानों पर व्यवसायी इसी तरह फर्जी बिलों का संचालन कर रहे हैं, जिससे सेल टैक्स विभाग की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
कबाड़ दुकानदार अपनी दुकानों के असली जीएसटी बिल और ई-वे बिल का उपयोग नहीं कर रहे हैं। गाड़ियां चोपन से लोड हो रही हैं, लेकिन बिल रांची के लगाए जा रहे हैं। इस धोखाधड़ी से हर महीने लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है।
सेल टैक्स विभाग की मिलीभगत से कबाड़ दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं।कबाड़ दुकानदार जो भी माल खरीदते हैं, उसका कोई प्रमाण नहीं रखते हैं। नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में हो रही चोरियों से इन पर कोई अंकुश नहीं है।सूत्रों के अनुसार, व्यवसायी कहते हैं कि वे प्रशासन को "खर्च" देते हैं, इसलिए उन्हें कोई डर नहीं है।
इन अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना आवश्यक है ताकि चोरी बंद हो सके और सरकारी टैक्स की चोरी रोकी जा सके।प्रशासन को इन दुकानदारों के असली जीएसटी बिल और ई-वे बिल का उपयोग सुनिश्चित करने का आदेश पारित करना चाहिए।
माल खरीदने वाले व्यक्तियों का फोटो, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर नहीं रखा जाता है, जिससे चोरी के माल की पहचान में कठिनाई होती है।प्रशासन को इन दुकानदारों के जीएसटी बिलों की जांच करनी चाहिए ताकि उनकी अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।प्रशासन को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
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