प्रयागराज के दारागंज मोहल्ले में माँ गंगा के किनारे लेटे हुए हनुमान!
इस प्रतिमा के बारे ऐसा माना जाता है कि इनके बाएं पैर के नीचे कामदा देवी और दाएं पैर के नीचे अहिरावण दबा है

स्वतंत्र प्रभात
ब्यूरो प्रयागराज।
यह कहा जाता है कि संत समर्थ गुरु रामदास जी ने यहाँ भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की थी। शिव-पार्वती, गणेश, भैरव, दुर्गा, काली एवं नवग्रह की मूर्तियाँ भी मंदिर परिसर में स्थापित हैं। निकट में श्री राम जानकी मन्दिर एवं हरित माधव मन्दिर हैं ।
हनुमानजी की यह विचित्र प्रतिमा दक्षिणाभिमुखी और 20 फीट लंबी है। माना जाता है कि यह धरातल से कम से कम 6-7 फीट नीचे है।
संगम नगरी में इन्हें बड़े हनुमानजी, किले वाले हनुमानजी, लेटे हनुमानजी और बांध वाले हनुमानजी के नाम से जाना जाता है।
। उनके दाएं हाथ में राम-लक्ष्मण और बाएं हाथ में गदा शोभित है। बजरंगबली यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
अभी महाकुम्भ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इस मंदिर के दर्शन किए।
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