लॉक डाउन में अपने परिजनों तक ना पहुंच पाना भी डिप्रेशन को दे रहा है जन्म
विकासनगर थाना प्रभारी धीरज शुक्ला ने दिखाया दरियादिली डॉक्टर को दिखाने के बाद जरूरी दवाओं को दिलवाया लखनऊ करोना वैश्विक महामारी ने तो लोगों को घर में कैद कर रखा है लेकिन इसका दूसरा परिणाम अब देखने को मिलने लगा है लोगों का शहरों से अपने गांव और अपने घर तक ना पहुंच पाना उनको
विकासनगर थाना प्रभारी धीरज शुक्ला ने दिखाया दरियादिली
डॉक्टर को दिखाने के बाद जरूरी दवाओं को दिलवाया
लखनऊ
करोना वैश्विक महामारी ने तो लोगों को घर में कैद कर रखा है लेकिन इसका दूसरा परिणाम अब देखने को मिलने लगा है लोगों का शहरों से अपने गांव और अपने घर तक ना पहुंच पाना उनको कहीं ना कहीं डिप्रेशन की तरफ लेकर जा रहा है लोगों का घरों में लगातार रहना भी कहीं ना कहीं दिमागी संतुलन को बुरी तरह से क्षति पहुंचाने लगा है.
ताजा मामला लखनऊ के विकास नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली आईएचएम की छात्रा आयुषी का है जो मूलतः बिहार के सुल्तानगंज जिला भागलपुर की रहने वाली हैं जो पिछले कई वर्षों से लखनऊ में रहकर अपनी पढ़ाई लिखाई कर रही थी लॉक डाउन होने की वजह से घर नहीं जा पाना और लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ने पर आयुषी अपनी मानसिक संतुलन खो बैठी वही जिस मकान में वह रह रही थी वहां पर रहने वाले किरायेदारों के साथ भी उनका व्यवहार एकदम से अलग हो चुका था
जिसको देखते हुए मकान मालिक और किरायेदारों ने 112 नंबर डायल कर सूचित किया जिसको देखते हुए विकास नगर थाना प्रभारी ने छात्रा को उनके मां-बाप को सूचित कर उनके सुपुर्द किया . और यही नहीं जब तक छात्रा के परिजन विकास नगर थाना नहीं पहुंचे तब तक छात्रा की सारी देखभाल थाना प्रभारी के निर्देशन में होता रहा जो कि पुलिस विभाग का जनता के प्रति मानवीय गुणों को भी दर्शा रहा है l
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