327 सालों के दुर्लभ संयोग लाया है धनतेरस-कौशलेंद्र शास्त्री

327 सालों के दुर्लभ संयोग लाया है धनतेरस-कौशलेंद्र शास्त्री

दीपावली का पावन त्योहार आमतौर पर 5 दिनों का होता है और इसकी शुरुआत होती है धनतेरस से। हालांकि इस बार छोटी दिवाली और मुख्य दिवाली का मुहूर्त एक ही दिन का है इसलिए 12 नवंबर 2020 को धनतेरस के साथ इस पर्व की शुरुआत होगी. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को

दीपावली का पावन त्योहार आमतौर पर 5 दिनों का होता है और इसकी शुरुआत होती है धनतेरस से। हालांकि इस बार छोटी दिवाली और मुख्य दिवाली का मुहूर्त एक ही दिन का है इसलिए 12 नवंबर 2020 को धनतेरस के साथ इस पर्व की शुरुआत होगी. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है. धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सोना, चांदी और पीतल की वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ माना जाता है.

ज्योतिषाचार्य कौशलेंद्र शास्त्री जी के अनुसार धनतेरस 2020 तिथि तथा शुभ मुहूर्त:

खरीदारी की तिथि- 12 नवंबर, 2020
धनतेरस तिथि- 13 नवंबर, 2020
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5:28 बजे से शाम 5:59 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 5:28 से रात 8:07 तक- 13 नवंबर, 2020
वृषभ काल मुहूर्त- शाम 5:32 से शाम 7:28 तक- 13 नवंबर, 2020

धनतेरस की पूजा करने की विधि
इस दिन प्रभु श्री गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और कुबेर जी की पूजा की जाती है. शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करना शुभ माना जाता है. जानिए पूजन विधि.

1. पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
2. इसके बाद एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उस पर पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.
3. इस कपड़े पर प्रभु श्री गणेश, माता लक्ष्मी, मिट्टी का हाथी, भगवान धनवंतरि और भगवान कुबेर जी की मूर्तियां स्थापित करें.
4. सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन करें, उन्हें पुष्प और दूर्वा अर्पित करें.
5. इसके बाद हाथ में अक्षत लेकर भगवान धनवंतरि का मनन करें.
6. अब भगवान धनवंतरि को पंचामृत से स्नान कराकर, रोली चंदन से तिलक कर उन्हें पीले रंग के फूल अर्पित करें.
7. फूल अर्पित करने के बाद फल और नैवेद्य अर्पित कर उन पर इत्र छिड़ककर भगवान धनवंतरि के मंत्रों का जाप कर उनके आगे तेल का दीपक जलाएं.
8. इसके बाद धनतेरस की कथा पढ़ें और आरती करें.
9.अब भगवान धनवंतरि को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाकर माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा भी करें.
10. पूजा समाप्त करने के बाद घर के मुख्य द्वार के दोनों और तेल का दीपक जरूर जलाएं.ज्योतिष सेवा केन्द्र लखनऊ

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