क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल

क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल

- फल और दूध खुद डकार रहे विद्यालय के जिम्मेदार


कमासिन/बांदा। 

केंद्र व राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु अनेकानेक प्रयास किए जा रहे हैं वहीं जिम्मेदारों द्वारा कर्तव्यो में घोर लापरवाही वरती जा रही है विद्यालयों के रख रखाव व साज सज्जा हेतु मिली कंपोजिट ग्रांट की धनराशि का आंशिक व्यय कर कागज़ी कार्यवाही कर गोल माल किया जा रहा है। 

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मध्यान्ह भोजन योजना के तहत मिलने वाले फलों और दूध का कहीं कोई अता पता नहीं है और 36बच्चों को परोसी जाने वाली तहरी को 100ग्राम टमाटर और 200ग्राम आलू से पौष्टिकता प्रदान की जा रही है वहीं शिक्षा का स्तर भी दयनीय है जहां कक्षा 5के छात्र दीवाल में लिखा सरस्वती शब्द भी नहीं पढ़ सके कक्षा 7/8के विद्यार्थी 17/19 का पहाड़ा नहीं सुना पाए वहीं स्टाफ भी नदारद रहा प्राथमिक विद्यालय सांडी ग्राम पंचायत बीरा समय प्रातः 8.30बजे इंचार्ज प्रधानाध्यापक जगपाल विद्यालय में उपस्थित नहीं मिले मौजूद शिक्षा मित्र चंद्र भान ने बताया कि वह आज अवकाश पर हैं अपने बच्चों का एडमिशन कराने गए हैं।  

जिसकी खण्ड शिक्षा अधिकारी ने पुष्टि की है दूसरे सहायक अध्यापक ओमकांत पाल को पूर्व माध्यमिक विद्यालय सांडी से संबद्ध किया गया है मात्र शिक्षा मित्र के भरोसे विद्यालय पाया गया।121के सापेक्ष34बच्चेउपस्थित रहे कक्षा 5केबच्चे दीवाल में लिखा सरस्वती शब्द भी नहीं पढ़ सके साथ ही अर्जुन संजीव अखिलेश अक्षय इंद्रजीत 17/19का पहाड़ा भी नहीं सुना पाए बच्चों ने दबी जुबान से बताया कि सोमवार को फल नहीं बांटे गए और रोटी सब्जी भी नहीं बनी और आज दूध भी नहीं मिला इंचार्ज प्रधानाध्यापक जगपाल ने दूरभाष पर इस बार मौका देने की बात कही और कहा कि अगली बार से कोई शिकायत नहीं मिलेगी। 

पूर्व माध्यमिक विद्यालय सांडी ग्राम पंचायत बीरा समय प्रातः 9.06बजे संबद्ध इंचार्ज प्रधानाध्यापक ओमकांत पाल व अनुदेशक प्रमोद तिवारी मौजूद रहे जबकि दूसरे अनुदेशक सुनील पटेल अनुपस्थित रहे सबसे ज्यादा अव्यवस्था इसी विद्यालय में पाई गई जहां उपस्थित छात्रों ने दबी जुबान से बताया कि फल और दूध नहीं मिला है और सोमवार को भोजन भी नहीं बना वहीं उपस्थित छात्रों ने बताया कि सुनील पटेल कभी पढ़ाने नहीं आए वहीं गांव वासी सत्यदेव चतुर्वेदी व संजीव चतुर्वेदी ने भी पुष्टि करते हुए बताया कि सुनील पटेल कभी विद्यालय नहीं आते एकाध बार उनसे पूछा भी गया कि आप पढ़ाने क्यों नहीं आते तो उन्होंने कहा कि मैं नहीं आऊंगा आपको जो भी दिखाई दे कर लो यहां मिली कंपोजिट ग्रांट यथावत पुताई भी नहीं कराई गई है विद्यालय का पिछला हिस्सा गंदगी व घास बेर की झाड़ियों से पटा पड़ा है यहां का शौचालय भी छात्र छात्राओं के प्रयोग में नहीं आता। 

यहां नामांकित 124छात्रों के सापेक्ष उपस्थित 36बच्चों के मध्य परोसी जाने वाली तहरी को 100ग्राम टमाटर व 200ग्राम आलू डालकर पौष्टिक बनाया गया गैस सिलेंडर की जगह चूल्हे पर भोजन बनता पाया गया। यहां के बच्चे आरज़ू 6राजाभैया7राजबहादुर7 पंकज 7 अनूपा कक्षा 6भी19का पहाडा नहीं सुना पाए  उक्त सवालों के जवाब में इंचार्ज प्रधानाध्यापक ओमकांत पाल कुछ भी बताने से परहेज़ करते दिखे फल सब्जी तथा गैस सिलेंडर की उपलब्धता पर कहा कि बाजार नहीं कर पाया हूं वहीं अनुदेशक सुनील पटेल के उपस्थित रजिस्टर में हस्ताक्षर कौन बनाता है के सवाल पर पसीना पसीना होते दिखे और कोई उत्तर नहीं दिया जबकि उपस्थित रजिस्टर में हस्ताक्षर इन्हीं के द्वारा बनाए जाते हैं।

3 प्राथमिक विद्यालय शिवमंगल डेरा ग्राम पंचायत बीरा समय 10.30बजे यहां तैनात दोनों अध्यापक रमेश कुमार पाल व मानवेन्द्र सिंह उपस्थित थे नामांकन 42के सापेक्ष 30बच्चे उपस्थित रहे।फल और दूध का यहां भी कोई अता पता नहीं है विद्यालय भवन अत्यंत जर्जर हालत में है जबकि 2003/04में बनाया गया था गैस चूल्हा होने के बाद भी भोजन चूल्हे में बनाया जा रहा है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक रमेश कुमार पाल बीआरसी में संपन्न होने वाली मीटिंग में विद्यालय आना मुनासिब नहीं समझते। जबकि स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय के आवश्यक कार्य संपन्न कराने के बाद ही मीटिंग में सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उक्त के संबंध में खण्ड शिक्षा अधिकारी विजय बहादुर सिंह सचान ने कहा कि आप द्वारा सूचना मिली है आज ही स्पष्टीकरण की नोटिस जारी कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।ं
 

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