डॉक्टर की लापरवाही से चचेरी बहन की उठी डोली तो भाई की उठी अर्थी

डॉक्टर की लापरवाही से चचेरी बहन की उठी डोली तो भाई की उठी अर्थी

डॉक्टर की लापरवाही से चचेरी बहन की उठी डोली तो भाई की उठी अर्थी


रत्यौरा बाजार में बिना डिग्री का डॉक्टर ले रहा मरीजों की जान

स्वतंत्र प्रभात 
संजय द्विवेदी।

कोरांव प्रयागराज।

कोरांव थाना क्षेत्र के रत्यौरा बाजार में एक बिना डिग्री का डॉक्टर अस्पताल चला रहा है। अस्पताल में मरीजों की मौतें हो रही हैं। शिकायत के बाद भी स्वास्थ्य महकमा मनमाने अस्पताल संचालक पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा है जिससे उसके हौसले बुलंद हैं। मामला सोमवार देर रात का है। 22 वर्षीय युवक मानेंद्र मिश्र पुत्र हरी नारायण मिश्र के चाचा के लड़की की बारात आई हुई थी। बारात में काम करने के दौरान अचानक वह गिर गया और बेहोशी हालत में चला गया। 

जिसे आनन-फानन में परिजन रत्योरा बाजार स्थित उर्मिला हॉस्पिटल ले आए। जहां बिना डिग्री के डॉक्टर आशीष यादव के द्वारा उपचार किया गया। गलत उपचार के कारण सुबह 8 बजे के आसपास मानेद्र ने दम तोड़ दिया। मौत के बाद अस्पताल पर परिजनों ने जमकर हंगामा भी काटा गया। बाजार में चर्चा रही कि उर्मिला हॉस्पिटल का डॉक्टर आशीष यादव बिना डिग्री का है और क्षेत्रीय गुंडे भी पाल रखा है। इस प्रकार के हादसे होने पर उन गुंडों के माध्यम से तीमारदारों पर दबाव बनाकर जबरन भगा दिया जाता है। जिससे किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है। 

यही वाकया मृतक मानेंद्र के परिजनों के साथ भी हुआ जैसे ही मानेंद्र की मौत हुई परिजन अस्पताल पंहुचा गए और हंगामा करने लगे, किंतु वहां मौजूद कुछ गुंडों के द्वारा परिजनों को अस्पताल परिसर में नहीं घुसने दिया गया। उन्हें जबरन धक्के देकर बाहर निकाल दिया गया। अस्पताल के आसपास हो रही चर्चाओं एवं परिजनों की बातों पर गौर करें तो मानेंद्र की मौत अस्पताल में ही हो गई थी। लेकिन उर्मिला अस्पताल का संचालक आशीष यादव जहर खाने की बात बताते हुए कहा कि बगैर एडवाइज के ही मरीज को भोजन दे दिया गया। जिससे उसको उल्टी शुरू हो गई और हालत बिगड़ गई। 

मौत के बाद भी परिजनों को गुमराह कर जिला अस्पताल के लिए जाने की बात कहकर अस्पताल से भगा दिया परिजन मृतक महेंद्र को लेकर सीधे घर चले गए।।डॉक्टर की लापरवाही से चचेरी बहन की उठी डोली तो भाई की उठी अर्थी।।मानेद्र की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद महज 12 घंटे में ही उसकी मौत से जहां परिजनों पर पहाड़ टूट पड़ा। एक तरफ चचेरी बहन की सुबह जिस वक्त  डोली उठ रही थी उसी वक्त भाई की अर्थी उठने से पूरे परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं और माहौल ही गमगीन हो गया।।

रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम से तो चला कोई और रहा अस्पताल।।कोरांव थाना क्षेत्र के रत्योरा बाजार में संचालित उर्मिला अस्पताल का रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम से तो उसका संचालन कोई और कर रहा है। क्षेत्र में चर्चा है कि उर्मिला अस्पताल का संचालक आशीष यादव बिना डिग्री का डाक्टर है डी फार्मा कोर्स किया हुआ है।

 जो सभी प्रकार के मरीजों को भर्ती कर उपचार करने का काम कर रहा है। यह तो महज एक बानगी है कोरांव तहसील क्षेत्र में कई दर्जन अस्पताल ऐसे संचालित हो रहे हैं जिनका न तो कहीं रजिस्ट्रेशन वह पंजीयन है ना कोई डिग्री धारक डॉक्टर बैठता है किंतु क्षेत्रीय मरीजों का शोषण कर धन उगाही में पूरे क्षेत्र के एसे डाक्टर जुटे हुए है।भारी संख्या में रोते बिलखते हुए परिजन मौजूद रहे।


 

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