बृक्ष ही जीव का मूल आधार है, इस मूलमंत्र को लेकर 27 सालों से पेड़ लगाते हुए आ रही 83 साल का बुजुर्ग धीरेन मजूमदार

बृक्ष ही जीव का मूल आधार है, इस मूलमंत्र को लेकर 27 सालों से पेड़ लगाते हुए आ रही 83 साल का बुजुर्ग धीरेन मजूमदार

बृक्ष ही जीव का मूल आधार है, इस मूलमंत्र को लेकर 27 सालों से पेड़ लगाते हुए आ रही 83 साल का बुजुर्ग धीरेन मजूमदार


असम के पूर्व मुख्यमंत्री, वन मंत्री से मुलाकात, जीवन का अंतिम समय एक बृक्षों के नार्चारी स्थम्पना की आशा। सरकार से मांगी सहायता।

असम धेमाजी 
संजय नाथ 

असम धेमाजी जिले की सिलापथार थाने क्षेत्र के अंतर्गत बोकाबिल गांव के स्वर्गीय गाविंद मजूमदार के पुत्र धीरेन मजूमदार ने बीते 27 सालों से असम के विभिन्न स्थानों में पेड़ लगाकर अक्सर खबर के सुर्खियों में आते हुए दिखाई देते है।

बृक्ष ही जीव का मूल आधार है, इस मूलमंत्र को लेकर 27 सालों से पेड़ लगाते हुए आ रही 83 साल का बुजुर्ग धीरेन

मजूमदार ने बीते असम के कामरूप,डिब्रूगढ़, तिनसुकिया आदि जिले की बिभिन्न स्कूलों, महाविद्यालयों, बेसरकारी अनुष्ठानों में पेड़ लगाने ने के लिये लोग आमंत्रण करते है। जिले की कोर्ट मैदान सहित सिलापथार विज्ञान महाविद्यालय, सिलापथार मॉडल हस्पताल, मुक्तियार पंचायत के कार्यलय परिसर में भी  उन्होंने बिस्व पर्यावरण दिवस पर पेड़ लगाया है।

असम के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बर्तमान के केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के गृह, डिब्रूगढ़ जिले की विन्धकता मुलुक गांव में 2017 में  जाकर उनसे मुलाकात की और उनके घर मे पेड़ लगाकर आए हैं। वही असम ओ,एन, जी,सी, के अध्यक्ष अस्वनी पाईत के मदत से असम वनमंत्री परिमल शुक्लबैद्य से साक्षात की है।
गैरतलब है कि मजूमदार ने बीते 27 सालों से जितने भी पेड़ लगाक आ रही है वह अपनी खुद के मेहनत और कष्ट करके घर मे पेड़ उगाते है और विभिन्न स्थानों में निशुल्क लगाकर आ रही है। 
 
84 साल उम्र में श्री मजूमदार के इच्छा है कि जीवन के अंतिम इन दिनों में अपनी घर मे एक नार्चारी स्थापना करें जिसमे हर प्रकार की  पेड़ उपलब्ध हो।इस अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए सरकार से एवं वन विभाग से सहायता अपील की है।
 

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