सड़क दुर्घटना के आरोपियों पर कर्नलगंज कोतवाली पुलिस मेहरबान

सड़क दुर्घटना के आरोपियों पर कर्नलगंज कोतवाली पुलिस मेहरबान

तीन महीने बीतने के बाद भी नहीं दर्ज हुआ मुकदमा और ना ही कोई कार्यवाही 


स्वतंत्र प्रभात-

कर्नलगंज/बालपुर गोण्डा। एक तरफ जहां पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र अपराध एवं अपराधियों के प्रति सख्त तेवर अपनाने और बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था के आये दिन बड़े बड़े दावे करते नहीं थक रहे हैं वहीं अधीनस्थ पुलिस कर्मी उनके दावे की हवा निकालते नजर आ रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण प्रायः थाना चौकी में देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में एक मामला थाना कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र में प्रकाश में आया है, जहाँ बालपुर चौकी अन्तर्गत सड़क दुर्घटना के मामले में तीन महीने बाद भी कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है और कोई कार्यवाही ना करके पुलिस आरोपी पर मेहरबान है। जिससे दुर्घटना में घायल हुए लड़के की मां रिपोर्ट दर्ज कराने और

आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही कराने एवं इलाज हेतु उचित धनराशि दिलाये जाने के लिए थाना चौकी के लगातार तीन महीने से चक्कर काट रही है, जहाँ कोई सुनवाई ना होने एवं घटना के आरोपी के पक्ष में स्थानीय पुलिस व कोतवाली कर्नलगंज के उप निरीक्षक/जाँच अधिकारी झूंठी फर्जी रिपोर्ट लगाकर आरोपी को बचाने में लगे हैं,पुलिसिया कारगुजारी से त्रस्त होकर फरियादिनी महिला ने उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकरण कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के बालपुर चौकी अन्तर्गत ग्राम परसा गोंड़री शिवशंकर पुरवा से जुड़ा है। यहाँ की निवासिनी महिला नीलम पत्नी मुन्नूलाल ने उच्चाधिकारियों को दिये गये प्रार्थना पत्र में कहा है कि प्रार्थिनी के लड़के का एक्सीडेंट विपक्षी अभिषेक त्रिपाठी पुत्र स्वर्गीय विनोद कुमार त्रिपाठी से हो गया था, उक्त मामले की जांच उपनिरीक्षक नीरज कुमार सिंह थाना कोतवाली कर्नलगंज गोण्डा को मिली थी। लेकिन आज तक ना

तो उक्त प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट ही दर्ज हुई और ना ही कोई कार्यवाही करके प्रार्थिनी के लड़के के दवा इलाज हेतु उचित धनराशि ही उपलब्ध कराई गई है। लड़के की स्थिति अत्यधिक खराब है जिसे दवा इलाज की सख्त जरूरत है। चूंकि प्रार्थिनी काफी गरीब है और धनाभाव के कारण अपने लड़के का इलाज नहीं करा सकती है।वहीं थाना कोतवाली में उसकी कोई सुनवाई ना होने और स्थानीय पुलिस के आरोपी के पक्ष में कार्य करने से त्रस्त होकर फरियादिनी महिला ने न्याय हित में विपक्षीगण के विरुद्ध विधिक कार्यवाही कराते हुए इलाज हेतु उचित धनराशि दिलाये जाने की उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है। ऐसे में पुलिसिया कार्यप्रणाली सवालिया घेरे में है और कप्तान के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं।

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