शत्रु सम्पत्ति की करोड़ों की भूमि पर अवैध कब्जा
कामर्शियल भूमि को भू माफियाओं द्वारा कम दामों पर बेची जा रही है
महमूदाबाद-सीतापुर जिले की नगर पंचायत पैंतेपुर में पुलिस चौकी के निकट प्राचीन ध्वस्त किला है जिसके चारों ओर की कामर्शियल भूमि को भू माफियाओं द्वारा कम दामों पर बेची जा रही है तथा जमीनों के कुछ भागों पर पूर्व के वर्षों में पक्का निर्माण भी हो चुका है।
इसी के साथ ही खाली पड़ी जमीन पर टीन, तिरपाल, छप्पर , टप्पर व ढाबली आदि रख कर अपने शिकंजे में भूमाफिया लेते जा रहे हैं बताते चलें कि पैंतेपुर में प्राचीन किले के पास के तालाब पर भी कब्जे का खेल चल रहा है बावजूद इसके नगर पंचायत ने कभी इस पर गौर करने की कोशिश नहीं की यहां पर यह कहना भी गलत न होगा कि धीरे-धीरे भूमाफिया अजगर की तरह इस जमीन को अपने पंजों में जकड़ कर उसे निगलने की जुगत में लगे रहते हैं।
एक जानकारी के अनुसार अब तक लाखों रुपए की जमीन पर इन दबंग भू माफियाओं का कब्जा हो चुका है यह कब्जा किले के खंडहर के चारों ओर है दिलचस्प तथ्य किले के चारों ओर कब्जा की गई जमीनों पर पक्के निर्माण भी हो गए हैं दो 4 वर्ष पूर्व से चला निर्माण का सिलसिला बदस्तूर जारी है लोग बताते हैं कि रियासत के कारिंदों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए किले के आसपास की जमीन यह कहकर बेच दी है कि यह जमीन राजा साहब की है जबकि राजा महमूदाबाद की अधिकतर संपत्तियां कस्टूडियन में आती है और किले आदि राष्ट्रीय धरोहर हैं लोग बताते हैं कि सबसे पहले टीन छप्पर आदि डाल कर कब्जा किया जाता है
फिर जैसे-जैसे समय व्यतीत होता है होता जाता है पक्का निर्माण कर लिया जाता है इस बाबत जब नगर पंचायत के ऑफिस जाकर बात करने का प्रयास किया गया तो नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी बबलू कुमार व वरिष्ठ लिपिक अवधेश कुमार आदि ऑफिस में 3 बजे शाम तक नहीं मिले।दिलचस्प बात यह है कि ध्वस्त किले के चारों और कब्जा की गई जमीनों पर पक्के निर्माण भी हो गए हैं जो 4 वर्ष पूर्व से चला निर्माण का सिलसिला बदस्तूर जारी है लोग बताते हैं
कि रियासत के कारण धोने दोस्त के लिए आसपास की जमीन यह कहकर भेज दी है कि जमीन राजा साहब की है जबकि राजा महमूदाबाद की अधिकता संपत्तियां कस्टोडियन में आती है और पीले आज राष्ट्रीय धरोहर हैं लोग बताते हैं कि सबसे पहले कब्जा किया जाता है जैसे जैसे समय व्यतीत होता जाता है पक्का निर्माण किया जाता है इस बात के ऑफिस जाकर बात करने का प्रयास किया गया तो नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी बबलू कुमार वरिष्ठ लिपिक अवधेश कुमार आदि ऑफिस में 3:00 बजे तक नहीं मिले।
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