विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे

स्वतंत्र प्रभात
मिल्कीपुर, अयोध्या।विद्युत कर्मियों की अघोषित हड़ताल के चलते मिल्कीपुर क्षेत्र के सैकड़ों गांव रात के अंधेरे में डूब गए हैं। विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति न मिलने के चलते मच्छरों के भारी प्रकोप के बीच पूरी रात जागकर बितानी पड़ रही है विद्युत कर्मियों की मांगों के अनुरूप प्रदेश सरकार की ओर से कोई सार्थक पहल न किए जाने का खामियाजा विद्युत उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
बताते चलें कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के साथ विभिन्न मांगों को लेकर बीते साल दिसंबर में हुआ समझौता लागू न होने से आक्रोशित विद्युत निगम के कर्मचारियों ने बुधवार से कार्य का बहिष्कार कि जाने की घोषणा कर दी थी। इससे विद्युत उपकेंद्रों पर बिल जमा, बिल सुधार, मीटर लगाना, फॉल्ट ठीक करने समेत अन्य काम ठप हो गए। विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति न मिलने के चलते अपार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत से संचालित होने वाले समस्त गृहस्थी के उपकरण सहित आमजन की आवश्यक जरूरत बने मोबाइल भी विद्युत चार्जिंग के अभाव में ठंडे पड़ गए हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विद्युत कर्मियों द्वारा कार्य बहिष्कार किए जाने के चलते बीतेगुरुवार की रात दस बजे तक प्रदेश सरकार समिति की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया। जिसके चलते रात से ही 72 घंटे के लिए हड़ताल प्रारंभ हो गई।
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र स्थित विद्युत उपकेंद्र कुमारगंज के खंडासा विद्युत फीडर की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों गांव अंधेरे में डूबे रहे। विद्युत सप्लाई बाधित होने के चलते रात भर मच्छरों का तांडव रहा, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पूरी रात जागकर बितानी पड़ी।
गुरुवार की देर शाम से खंडासा फीडर की सप्लाई बंद हो जाने के चलते सैकड़ों गांव की विद्युत सप्लाई पूरी रात बाधित रही। विद्युत उपभोक्ता फोन कर विद्युत सप्लाई चालू कराने की मांग करते रहे, लेकिन अधिकारी/ कर्मचारी हड़ताल का हवाला देकर फोन काटते रहे। विद्युत उपकेंद्र कुमारगंज अंतर्गत खंडासा फीडर के दर्जनों गांव बवां, रतापुर, डफलपुर, सरूरपुर, सराय धनेठी, मसेढ़ा, गोयड़ी, घटौली, मंझनपुर, अंजरौली, सिङसिड़, सराय हेमराज, उधुई, बधौड़ा, मितौरा सहित दर्जनों गांव के उपभोक्ता पूरी तरह से हैरान-परेशान हैं। विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के कान में जूं नहीं रेंग रही है और उपभोक्ताओं को उनकी बेरुखी का कोप भाजन बनना पड़ रहा है। क्षेत्र के उपभोक्ताओं का कहना है कि खाता किसी की सजा किसी और को वाली कहावत बिल्कुल चरितार्थ हो रही है क्योंकि उनकी मांग सरकार नहीं मान रही है तो उन्हें सरकार अथवा जिम्मेदार लोगों से सीधे भिड़ना चाहिए इसमें विद्युत उपभोक्ताओं का आखिर कौन सा दोष है। विद्युत उपभोक्ताओं में बेपरवाह विद्युत कर्मियों के प्रति अब गहरा असंतोष एवं गुस्सा भी व्याप्त हो गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यह किसी भी विद्युत उपभोक्ता का विद्युत बिल बकाया रहता है, तो उसकी लाइन तत्काल काट दी जाती है और अब ऐसे विद्युत उपभोक्ता जिनका की संपूर्ण बिल भी जमा है, उन्हें इस हठधर्मिता का दलित आखिर क्यों झेलवाया जा रहा है।
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