मारवाड़ी महाविद्यालय में मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर  संगोष्ठी का हुआ आयोजन

मारवाड़ी महाविद्यालय में मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर  संगोष्ठी का हुआ आयोजन

मारवाड़ी महाविद्यालय में मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर  संगोष्ठी का हुआ आयोजन

स्वतंत्र प्रभात - रांची : हंसराज चौरसिया 


सोमवार को मारवाड़ी महाविद्यालय के जेसी बोस हॉल में हिन्दी विभाग के द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।  संगोष्ठी की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार व मुख्य अतिथि  प्रो. ( डॉ )  मिथिलेश कुमार सिंह ,  डॉ अशोक कुमार महतो, डॉ स्नेह प्रभा महतो, अनुभव चक्रवर्ती, डॉ घनश्याम प्रसाद, डॉ स्मिता गहलोत, डॉ सीमा चौधरी ,  डॉ जयप्रकाश रजक, डॉ लता श्री ,  डॉ महेश्वर सारंगी , डॉ ललिता कुमारी , वैधनाथ महतों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर व मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया गया । वही मौके पर  वहीं मुख्य अतिथि  प्रो ( डॉ ) मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रेमचंद सदैव प्रासंगिक रहेंगे। कलम के सिपाही के रूप में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान दिया ।  जिसे कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। सामाजिक कुरीतियों को हटाकर मानवीय मूल्यों की स्थापना करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि  जो सिमपैथी को सही तरीके से अभिव्यक्त कर सकता है वह लेखक कहलाता है , उन्होंने छात्रों से देवकी नन्दन की रचनाओ को पढ़ने की सलाह दी ।  डॉ स्नेह प्रभा महतो ने कहा कि प्रेमचंद समाज के विद्रुपताओं को अपने कहानियों के माध्यम से समाज के सामने लगाने का काम किया। प्रेमचंद के काका पात्र आज भी किसी न किसी रुप में उपस्थित दिखते है। इसलिए समाजिक कुरीतियों से आज भी आजाद होने की आवश्यकता है । वही परीक्षा नियंत्रक वैधनाथ महतों ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाओं से हमें सीख मिलती है।  उनकी रचना - नमक का दारोगा ईमानदार रहने की प्रेरणा देती है। जबकि मारवाड़ी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने  कहा कि अगर गति समाज के हित में हो तो वह गति कहलाती है उन्होंने कहा कि आप अपनी जीवन को किस दिशा में ले जाना है ये आप छात्रों के  ऊपर निर्भर करता है।  आप किसी भी चीज को देखें तो उस पर विचार करें । हम प्रेमचंद को कभी भूला नही सकते है । प्रेमचंद साहित्य की ऐसी विरासत हमे सौंप गए हैं जो गुणों की दृष्टि से अमूल्य है और आकार की दृष्टि से असीमित है।  वहीं धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभाग की शिक्षिका डॉ स्मिता गहलोत ने किया । जबकि मंच संचालन राहुल कुमार ने किया ।   इस मौके पर निबंध प्रतियोगिता के चयनित सफल छात्रों को मुख्य अतिथि डॉ मनोज कुमार के द्वारा सर्टिफिकेट व मेंडल देकर सम्मानित किया गया ।‌

इन्हें किया गया सम्मानित

 यूजी में  पहला स्थान  लाने वालों में अनुपम रंजन , दूसरा स्थान हंसराज चौरसिया, तीसरा स्थान सपना कुमारी, चौथा स्थान आकाश कुमार व पांचवा स्थान आराधना कुमारी  । 

 वही पीजी में पहला स्थान लाने वालों में उमेश कुमार यादव, दूसरा स्थान भवानी प्रसाद , तीसरा स्थान अंजली कुमारी , चौथा स्थान राकेश प्रजापति व पांचवा स्थान सिल्की कुमारी ने लाया है ।

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