यदि परियोजना अधिकारी डूडा कराते शिकायतों की जांच तो रुक सकता था फर्जीवाड़ा व  भ्रष्टाचार

आवासो का पैसा निकले 3 वर्ष हो गए पर आज तक नहीं बने प्रधानमंत्री आवास, डीसी सर्वेयर ने मिलकर डकार ली कई आवासो की धनराशि

यदि परियोजना अधिकारी डूडा कराते शिकायतों की जांच तो रुक सकता था फर्जीवाड़ा व  भ्रष्टाचार

परियोजना अधिकारी डूडा जानबूझकर बने हैं अनजान

 
 
 
 
स्वतंत्र प्रभात 
भीरा नगर पंचायत में दिए गए कब्रिस्तान व सरकारी जमीनों पर प्रधानमंत्री आवासों की धनराशि कीकब कराएंगे रिकवरी
 
लखीमपुर खीरी सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद जिला नगरीय विकास अभिकरण लखीमपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिसके चलते भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना शहरी पीएम आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर रह गई है। परियोजना अधिकारी और पीएम आवास योजना के अंतर्गत कार्य संलग्न आउटसोर्सिंग कंपनी अरिनेम कंसलटेंट व स्नो फाउंटेन कंपनी के सर्वेयरो  ने अपने डीसी व सी एल टी सी के साथ मिली भगत करके व्यापक स्तर पर अवैध वसूली करके गाइडलाइन को रौदते हुए नियम विपरीत पहले से पक्के मकान बने लोगों को और अपात्र व नो लैंड स्पेस सहित नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र के बाहर रेवड़ी की तरह सैकड़ो आवास दे दिए गए।
 
इसकी वांनगी नगर पालिका परिषद लखीमपुर में ही देखी जा सकती है। यदि लखीमपुर के ही आवासों का कर लिया जाए स्थलीय सत्यापन तो एक सैकड़ा आवास अपात्र और आउट ऑफ यु एल बी बने मिलेंगे ।वहीं यदि नगर पंचायत सिंगाही व बरबर तथा धौरहरा में दिए गए आवासों की कराई गई जांच तो पी ओ  डूडा सहित जिला प्रशासन के पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी।और जनपद का सबसे बड़ा स्कैम साबित होगी शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना। उक्त भ्रष्टाचार की सन 2020 में एक दर्जन शपथ पत्रों के साथ शिकायत की गई थी जिसमें आज तक जांच नहीं कराई गई।
 
और ना ही आरटीआई से मांगी गई जानकारी ही उपलब्ध कराई गई। भ्रामक रिपोर्ट लगाकर फर्जी निस्तारण करके परियोजना अधिकारी डूडा भ्रष्टाचार से अंजान बने दिखाई पड़ते हैं। दिनांक 22 दिसंबर 2023 को शिकायतकर्ता विशाल पांडे पुत्र स्वर्गीय गोविंद पांडे द्वारा शिकायत करके मामले की जांच कराकर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की गई थी। जिसमें भी आज तक जांच नहीं कराई गई। परियोजना अधिकारी डूडा के इस लापरवाह आचरण और दोषियों के संरक्षण दिए जाने से आहत शिकायत कर्ता विशाल पांडे द्वारा दिनांक 15 मार्च 2024 को कमिश्नर रोशन जैकब के जनता दर्शन में प्रार्थना पत्र देकर प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में किये जा रहे भारी भ्रष्टाचार की जांच कराए जाने की मांग की थी।
 
जिसमें अपर जिला अधिकारी खीरी ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद लखीमपुर व परियोजना अधिकारी डूडा को जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए हैं। देखना अब यह है परियोजना अधिकारी डूडा मामले की जांच कराते हैं या फिर पूर्व की तरह ही भ्रष्टाचार में लिप्त अपने चाहते कर्मियों को संरक्षण देने की मंशा से जांच को फाइलों में दफन कर देंगे।यदि हम भ्रष्टाचार को पोषित करने पर गौर करें तो एस एफ सी  के डीसी रहे अभिषेक मिश्रा का रिश्वत लेते वीडियो सुडा निदेशक लखनऊ तक गया था ।जिसके बाद उक्त डीसी को हटा दिया गया था।
 
इसके बावजूद वह कई दिनों तक कार्यालय में बैठकर कुर्सी की शोभा बढ़ाते देखे गए और आजतक उक्त दोषी के विरुद्ध मुकदमा तक पंजीकृत नहीं कराया गया। ऐसा लोगों का आरोप है मेरा नहीं।परियोजना अधिकारी डूडा केअति उदारवादी स्वभाव का आलम यह हुआ की डीपीआर संख्या 1251 में जमकर अवैध वसूली का खेल कई सर्वयरों व उनके द्वारा पोषित दलालों द्वारा खेले जाने के मामले अखबारी सुर्खियां भी बने और काफी हाय तौबा के बाद लगभग एक दर्जन से ज्यादा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा।
 
लेकिन  शिकायतों की जांच कराना उचित आज तक नहीं समझ गया ।ईमानदार कहे जाने वाले जनाब प्रधानमंत्री आवास में चल रहे भारी भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की लिखित शिकायत की जांच कराने से क्यो बचते नजर आ रहे हैं।एक समाजसेवी कमल मिश्रा पुत्र स्वर्गीय श्री राम मिश्रा निवासी गढ़ी रोड ने माननीय लोकायुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ से शपथपत्र व अन्य साक्ष्यों सहित शिकायत कर मामले की जांच कराकर दोषी लोगों व दोषियों को संरक्षण देने वाले तथा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही न करने वाले परियोजना अधिकारी डूडा के विरुद्ध भी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
 
 

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel