साँठ गाँठ करके भोले भाले नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने वाली दो प्राइवेट बैंकों की सच्चाई

साँठ गाँठ करके भोले भाले नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने वाली दो प्राइवेट बैंकों की सच्चाई

लखीमपुर खीरी। आपसी साँठ गाँठ करके भोले भाले नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने वाली दो प्राइवेट बैंकों की सच्चाई अंततः सामने आने लगी है। गौरतलब है कि जब किसी की दुकान की पूंजी टूट जाती है और माल घट जाता है तो फिर अक्सर ये किया जाता है कि घाटे का शिकार होने वाले दो दो तीन तीन और चार चार दुकानदार अपनी अपनी दुकान का माल एक ही दुकान में बिक्री के लिए लगाकर पार्टनर शिप कर लेते हैं। ऐसा ही बैंकों का आलम होता है कि अगर ज़बरदस्त घाटा न हो तो दो बैंके भी एक मे विलय कभी नही की जाएं लेकिन आप सब ने देखा है कि कई कई बैंके आपस मे विलय करके एक बैंक का ही नाम बाकी रखा गया और बड़ी मशहूर मशहूर नामी ग्रामी बैंके आज ऐसे गायब हो चुकी हैं जैसे गधे के सर से सींघ।
 
लखीमपुर खीरी मार्ग के मध्य राजापुर चौराहे के अति निकट संचालित दो प्राइवेट बैंकों की शाखाएं पिछले कई वर्षों से भोले भाले नागरिकों को सब्ज़बाग दिखाकर उनसे लम्बी रकमें जमा कराकर ठगी का शिकार बनाती चली आई हैं। अंग्रेज़ी वर्णमाला के चार अक्षरों को उल्टा सीधा लिखकर इन बैंकों के नाम रखे गए हैं। जिस प्रकार इनके नाम उल्टे सीधे अक्षरों से हैं बाखुदा ठीक उसी तरह इनके काम भी उल्टे सीधे हैं। इनमे  एक बैंक ने मुझसे झूठ फरेब करके एक लाख चार हज़ार की ठगी कर रखी है पिछले दो वर्षों से मैं अपनी रकम मांग रहा हूँ लेकिन नहीं दी जा रही है। मालूम हो कि इन दोनों प्राइवेट बैंकों ने लोकल के शिक्षित नवजवानों व युवकों को हर ठगी पर कमीशन के बेस पर अपनी शाखा से जोड़ रखा है ये नवजवान इलाके में सारा दिन मछमछाकर  नागरिकों को फ़र्ज़ी झूठी योजनाओं को समझाने के बाद उन नागरिकों से बड़ी बड़ी रकम लेकर सम्बंधित शाखा में जमा करके अपने कमीशन की रकम तो सीधी कर लेते हैं लेकिन बाद में फंस चुके नागरिक की कोई सुध ये लोग नहीं लेते हैं।
 
इसके अलावा इन शाखाओं में फ़र्ज़ी भोकाल का आलम ये है कि यहाँ आने वाले भोले भाले नागरिक इस भोकाल से प्रभावित होकर अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई यहीं गवाँ बैठते हैं और ये भूल जाते हैं कि इन प्राइवेट बैंकों के डूब जाने के बाद किसी भी नागरिक की जमा रकम के एक भी रुपये की ज़िम्मेदारी व देनदारी सरकार की हरगिज़ नहीं है। इसके अलावा भी आप इन प्राइवेट कम्पनियों के हथकंडों पर गौर कीजिए कि इन शाखाओं ने सुन्दरता का भी ऐसा इन्तिज़ाम कर रखा गया  है कि नवजवान इनसे मुस्कुराहट भरे लहजे से पर नाना प्रकार की योजनाएं सुनकर बस पूरी तरह लट्टू ही हो जाता है और बस फिर क्या जैसा भी बताया जाता है वैसा ही मानकर मुँहबोली धनराशि जमा कर देता है।
 
हास्यास्पद है कि 10 से 12 या 15 हज़ार के वेतन पर कार्यरत इन प्राइवेट बैंकों के सयंभू अधिकारी खुद को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के अधिकारी से कम नहीं समझते। यहां के शाखा प्रबंधकों के फ़र्ज़ी भोकाल का आलम ये है कि जब कोई नागरिक इनसे मिलने जाता है तो डायरेक्ट उसके चैम्बर में नहीं जाने दिया जाता है पहले चपरासी अंदर जाकर वापस आएगा और कहेगा कि थोड़ी देर रुके रहिये साहब अभी बिज़ी हैं। जबकि हक़ीक़त में अन्दर बैठा सयंभू मैनेजर फुल्ली बेकार होता है। लेकिन आने वाले को प्रभावित करने के लिए ये सब ड्रामा किया जाता है। मालूम हो कि ये दोनों बैंके ज़बरदस्त घाटे में पहुंचने के बाद आपस मे विलय कर दी गई हैं ताकि किसी तरह डूबने से बचा जा सके जबकि अब निकट भविष्य में इनको खत्म ही होना है।
 
इनके आपस मे विलय होने से संबंधित समाचार विगत 19 मई के दैनिक समाचार पत्र में में प्रकाशित भी हो चुका है। खीरी टाउन में मेरे अलावा भी अनेको नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया गया है इनमें खीरी टाउन के बाज़ार में मोबाइल शॉप संचालक मोहम्मद फ़ैज़ को भी ठगी का शिकार बनाया गया। इस दुकानदार को ठगने के लिए तो उपरोक्त एक शाखा के सयंभू सहायक शाखा प्रबंधक ने मोबाइल शॉप पर पहुंचकर मीठी मीठी बातों में उलझकर बड़ी रकम जमा कर ली लेकिन बाद में उस दुकानदार को पता चला कि बताया किसी योजना में गया और रकम जमा दूसरी योजना में कर ली गई। तब से मोहम्मद फ़ैज़ शाखा के सैकड़ो चक्कर लगाकर थक चुका है लेकिन उसकी रकम वापस नही की जा रही है।
 
जो सहायक शाखा प्रबंधक रकम जमा करते समय मोबाइल शॉप पर पहुंचकर अपनी दुम हिलाता थकता नहीं था आज वही सयंभू अधिकारी मोहम्मद फ़ैज़ से सीधे मुँह बात भी नहीं करता है। कुलमिलाकर मैं एक जर्नलिस्ट होने के नाते बार बार पोस्ट वायरल करके राष्ट्र व समाज हित मे कड़ी मेहनत कर रहा हूँ ताकि आप सब होशियार हो जाएं। अगर आज न जागे तो कल बहुत देर हो चुकी होगी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर आधारित ये पोस्ट जनहित में सर्वसाधारण को सूचनार्थ। आपसे अनुरोध है कि इस पोस्ट को अन्य ग्रुपों पर शेयर करके एक ज़िम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं।
 

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