सीएचसी तुलसीपुर में ट्रेनी नर्स कर रही प्रसूताओं का इलाज 

महिला चिकित्सक की तैनाती के बाद भी गर्भवतियों को नही मिलती इलाज को सुविधा

 सीएचसी तुलसीपुर में ट्रेनी नर्स कर रही प्रसूताओं का इलाज 

प्राइबेट में होती है नार्मल डीलीवरी सीएचसी में होती है सीजर की बात

बलरामपुर भाजपा सरकार में जहां भ्रष्टाचार मुक्त भारत के दावे कर सुहाने सपने दिखाए जा रहे हैं और तमाम विभागों के द्वारा योजना के संचालन को लेकर करोड़ो रूपये सरकार के द्वारा विभाग को योजनाओं के संचालन को लेकर दिये जाने के दावे सराकर के द्वारा किया जा रहा जिससे विकास के पहिये को गति मिल सके और योजनाओं का लाभ जनता को मिले। लेकिन यह दावे सिर्फ कागजी साबित हो रहे हैं । धरातल पर जो तस्वीर सामने आ रहे हैं उसमें भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेले जाने की बात सामने आ रही है। तो वही जिम्मेदार अधिकारियों की बात की जाए तो वह अपने ऐसी कमरों से बाहर तक नहीं निकलते। जबकि कागजो में मौसम गुलाबी देखा जा रहा है और विभागों में हो रहे कार्यों पर जिले के जिम्मेदारी पूर्व की भांति संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
 
 जिसका ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर में देखा जा रहा है जहां पर इलाज के नाम पर व्यापक भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है। जिस मामले में पीड़ित परिवार ने बताया की मेरी पत्नी की डिलीवरी को लेकर जब मैं तुलसीपुर समुदायिक स्वास्थकेंद्र गया तो वहां पर उसे एडमिट कर लिया गया लेकिन इलाज के नाम पर 3 दिन तक रोके रखने की बाद भी उसका इलाज नही किया गया और जब हालत बिगड़ने लगी तब उसे लेकर मैं प्राइवेट साई नर्सिंग में गया जहां पर उसने एक बच्चे को नार्मल जन्म हुआ। पीड़ित मरीज का यह भी आरोप है यहां मेरी मरीज को देखने महिला डाक्टर तक नही आई और उसे अनट्रेंड स्टाफ नर्स के सहारे पर छोड़ दिया गया।
 
जबकि डॉक्टर न आकर अनट्रेंड वार्ड कर्मियों द्वारा इलाज करने की बात सामने आ रही है । जबकी सरकारी अस्पतालों में जहां सरकार यह दावा करती है कि कुशल और प्रशिक्षित चिकित्सक की तैनाती के साथ अन्य सुविधा अस्पताल में मौजूद है उसके बाद भी आलम यह है कि वहां पर इलाज के नाम पर सिर्फ वसूली का खेल खेला जाता है और ऐसे परिवार जो पैसे ना दे पाते हो उनको उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है । दूसरी तरफ सरकारी सेवाओं पर बड़ा सवाल है जहां सरकार कुशल चिकित्सक और सभी सुविधाओं से लैस होने की बात करती है फिर इलाज में इस प्रकार की बात सामने कैसे आ रही है ।जबकि प्राइवेट अस्पतालों में ले जाने पर वहां नॉर्मल डिलीवरी होने की बात सामने आ रही है ।इसको लेकर जब सीएचसी तुलसीपुर अधीक्षक सुमन्त सिंह को फोन किया जाता है तो उनका फोन तक ही नहीं उठता जिससे खबर को लेकर प्रशासनिक पक्ष नहीं मिला है।
 

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