शक्तिपीठ माँ शीतला मन्दिर में उमड़ा जन सैलाब
कौशाम्बी स्वतंत्र प्रभात
कड़ाधामा स्थित मन्दिर के गर्भगृह में माँ शीतला व माता कालरात्रि के दर्शन पूजन करने आए भक्त
पत्रकार नितिन कुमार कश्यप
सिराथू कौशाम्बी/
कड़ाधामा स्थित शक्तिपीठ माँ शीतला का मन्दिर है मन्दिर पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा होने के चलते भक्त नवरात्रि में दर्शन पूजन करने का विशेष लाभ प्राप्त करते हैं माँ शीतला देवी को धन धन्य एवं पुत्र प्राप्ति की मंसा लेकर आने वाले भक्त दर्शन पूजन करते हैं। मान्यता है की यह मन्दिर माता सती का ,कर, यानी हाथ गिरा था इससे मन्दिर का महत्त्व और भी बढ़ जाता है कहा जाता है की जो भक्त मन्दिर के कुंड को जल, दूध, फल, व मेवे से भरवाता है
जिससे उन्हे मनोवांछित फल मिलता है स्कंद पुराण के अनुसार भागवान शिव की पत्नी सती ने जब अपने पिता दक्ष के अपमान को सहन न कर पाने की स्थिति में यज्ञ कुंड में कुदकर प्राण त्याग दिया उसके वियोग से भगवान् शिव सती का शव लेकर सभी लोको में भ्रमण करने लगे। उनके क्रोधित रूप देख कर तीनों लोको में हलचल मचा गई। देव, दानव मानव, सभी भयभीत हो गये थे शिव शंकर की ज्वाला के अग्नि से बचने के लिए भगवान् विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता देवी सती के मृत शरीर के 51 टुकड़े किया। सती के शव यह टुकड़े जहाँ भी गिरे वही एक शक्तिपीठ स्थापित हुआ अध्यक्ष अल्प प्रकाश पाण्डे ने बताया की भक्तों के लिए मंदीर को भव्य रूप से तैयार किया गया है
मन्दिर में साफ, सफाई से लेकर विशेष इंतजाम किया गया है भक्तों को दर्शन पूजन के बाद माता ने छप्पन भोगों का प्रसाद देने की व्यवस्था कराई गई है मन्दिर में चार प्रहार में शृंगार व आरती में भक्तों को शामिल करने का इंतजाम किया गया है मंदीर में नवरात्रि के दिनों में रोज लगभग 25 से 30 हजार श्रधालु दर्शन करते हैं अष्टमी के दिन यह पूर्वांचल की कुलदेवी है इसीलिए कई जनपदों से श्रधालु यहाँ भगवती शीतला के दर्शन करने यहाँ आते हैं
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