लेबनान को महात्मा गांधी याद क्यों आए ? कहा- आप एक क्रांतिकारी को मार सकते हैं...
International Desk
इजराइल ने बीते कुछ दिनों में किए हमलों में हिजबुल्ला के शीर्ष नेता हसन नसरल्ला के साथ ही कई शीर्ष कमांडरों को मार गिराया है। हमास के हमले के एक साल पूरे होने के बाद इजरायली सेना की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार बेरूत में एक हमले में हिजबुल्ला के एक वरिष्ठ कमांडर को मार गिराया गया। वहीं इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच की जंग में अब तक 22 लाख लोग लेबनान में अपने घरों को छोड़ चुके हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू साफ ने साफ कर दिया है कि वो गाजा की तरह लेबनान को बनने से बचाने का केवल एक ही तरीका है कि हिजबुल्लाह को अपने देश से बाहर करें। हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारियों को मार गिराए जाने के बाद भारत में लेबनान के राजदूत रबी नरश ने बहुत बड़ा बयान दिया है। महात्मा गांधी के शब्दों का हवाला दिया और कहा कि हिजबुल्लाह लोगों द्वारा समर्थित एक वैध राजनीतिक दल है और इसे खत्म नहीं किया जा सकता है।
राजदूत ने कहा कि स्थिति और बिगड़ती जा रही है और यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की ओर बढ़ रही है। दुर्भाग्य से, हम संघर्ष के इस संकटपूर्ण चरण का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इजराइल को उसकी आपराधिक नीतियों, युद्ध अपराधों और अपने पड़ोसियों के खिलाफ विस्तारवादी कार्रवाइयों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया गया है। नर्श ने कहा कि लेबनान पिछले वर्ष अक्टूबर से ही भारत सहित विश्व के देशों से आग्रह कर रहा है कि संघर्ष को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोका जाए।
लेबनान के राजदूत रबी नर्श ने कहा कि मुझे महात्मा गांधी के कथन याद आ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि आप एक क्रांतिकारी को मार सकते हैं, लेकिन आप क्रांति को नहीं मार सकते। आप हिजबुल्ला के नेताओं को खत्म कर सकते हैं, लेकिन आप हिजबुल्ला को खत्म नहीं कर सकते, क्योंकि ये छिपकर नहीं रहते हैं। यह कोई काल्पनिक संरचना नहीं है जो पैराशूट से लेबनान में आई है। नर्श ने कहा कि हिजबुल्ला दुष्ट राष्ट्र इजराइल के खिलाफ एक आंदोलन का प्रतीक है और इस आंदोलन को उसके नेताओं को खत्म करके कुचला नहीं जा सकता।
जानें कब बना हिजबुल्ला?
हिजबुल्ला औपचारिक रूप से ‘‘लेबनान पर इजराइली आक्रमण’’ का विरोध करने के लिए 1985 में अस्तित्व में आया. राजदूत ने कहा, ‘‘हिजबुल्ला लेबनान में स्थापित राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत काम करता है. यह एक राजनीतिक दल है, जिसका प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल और संसद दोनों में है.’’ उन्होंने बताया कि हिजबुल्ला की एक सशस्त्र शाखा भी है.
लेबनान में इजरायल ने मचाया कोहराम
लेबनान के राजदूत ने कहा कि इजराइल द्वारा छेड़े गए युद्ध में उन्नत हथियार और प्रतिबंधित युद्ध सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है और इस युद्ध के कारण 2,100 से अधिक लोग मारे गए हैं, 11,000 घायल हुए हैं और 22 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, जिससे लेबनान में गंभीर मानवीय स्थिति उत्पन्न हो गई है. राजदूत ने कहा, ‘‘स्थिति और बिगड़ती जा रही है और यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की ओर बढ़ रही है. दुर्भाग्य से, हम संघर्ष के इस संकटपूर्ण चरण का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इजराइल को उसकी आपराधिक नीतियों, युद्ध अपराधों और अपने पड़ोसियों के खिलाफ विस्तारवादी कार्रवाइयों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया गया है.’’
भारत से मांग रहा लेबनान मदद, नेतन्याहू को रोक लो
राजदूत ने कहा, ‘‘हम वर्तमान में भारत से लेबनान के लिए चिकित्सा आपूर्ति की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसमें दवाइयां और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं.’’ उन्होंने भारत से अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन करने के लिए इजराइल पर अधिक दबाव डालने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘नेतन्याहू नियंत्रण से बाहर हैं. वह हत्या और विनाश की होड़ में लगे हुए हैं, जो बहुत खतरनाक है. किसी को नेतन्याहू को रोकना होगा.’’
पूरी दुनिया की तरफ देख रहा लेबनान
नर्श ने कहा कि लेबनान पिछले वर्ष अक्टूबर से ही भारत सहित विश्व के देशों से आग्रह कर रहा है कि संघर्ष को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोका जाए. इजराइल के हमलों में वृद्धि के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि फ्रांस इस महीने लेबनान के लिए मानवीय सहायता जुटाने और उसके दक्षिणी क्षेत्रों में सुरक्षा में सुधार लाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
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