सरकारी गल्ले की कालाबाजारी बदस्तूर जारी नही लग रहा अंकुश

विभागीय मिलीभगत से चल रहा सरकारी राशन के कालाबाजारी का खेल

सरकारी गल्ले की कालाबाजारी बदस्तूर जारी नही लग रहा अंकुश

गोदाम से लेकर राशन ढुलाई में गल्ला माफ़ियाओ की होती है पकड़ जिसके चलते रास्ते मे ही माल जाता है बिक

बलरामपुर- सरकार जंहा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा चला गरीबो को भोजन की व्यवस्था करती आ रही है जिससे गरीबो को सरकारी राशन अन्न पूर्ण योजना के अंतर्गत हर गरीब परिवार को भोजन मिल सके जिसको लेकर सरकार वादा तो करती है लेकिन विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत से सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबो तक नही पहुचता देखा जा रहा। रास्ते मे ही बड़ा खेल हो जाता है जंहा राशन डीलरों के राशन में घटतौली के साथ तमाम सेटिंग के दूकानों पर अधिकाश माल बिक्री हो जाता है जिसमे विभागीय अधिकारियों से लेकर ठेकेदार व अन्य की संलिप्ता होती है ।
 
सत्ता चाहे किसी की भी हो लेकिन कालाबाजारी आज तक नहीं रुकी और कालाबाजारी का खेल जारी है । इस खेल से जुड़े लोगों को हर सरकार में संरक्षण देने वाला कोई न कोई मिल ही जाता है। इसके पीछे बड़ा नेटवर्क है जो हर काम में शामिल है। चाहे राशन एजेंसी का निलंबन हो, उसे दूसरी एजेंसी से संबद्ध कराना हो या राशन की कालाबाजारी। पूरे खेल में आपूर्ति विभाग के अधिकारी और नेता राशन डीलरों के साथ मिलकर राशन माफिया को संरक्षण देेते हैं। और इसमें उनका भी हिस्सा होने की बात सामने आ रही है जिसके चलते ठेकेदार गोदाम से माल को क्षेत्रों में भेजता है।
 
जंहा से राशन डीलर तक पहुचता है लेकिन रास्ते मे ही बड़ा खेला होना आम बात है जंहा बोरियां फटने व माल कम तौलने का खेल कर सम्बन्धित माल को बेचने का खेल करते है जिसमे ट्रकों पर आया माल ब्लेक कर दिया जाता है जिसमे कई दूकान व आढ़त वाले भी होते है जिसकी अगर विभागीय शिकायत भी की जाती है तो होता कुछ भी नही उल्टे माफियाओं राजनेताओं व प्रशासनिक धमकियां ही मिलती है और कार्यवाही के नाम पर सिर्फ मौखिक बाते की जाती है बाकी कार्यवाही न के बराबर ही रहती है जिससे अपराधी निरंकुश हो अपराध कर रहे और गरीबो को मिलने वाले सरकारी अनाज पर डाका डाल रहे।

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