महाकुंभ भगदड़ पर अजय राय बोले- अब तक मृतकों और लापता लोगों की सूची क्यों नहीं दे पायी सरकार।
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में मारे गए लोगों की सूची नहीं जारी करने को लेकर योगी सरकार पर राजनीतिक हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हुए भगदड़ को करीब 2 महीने का समय बीत चुका है, पर सरकार अभी तक उस घटना में मारे गए मृतकों की सूची तक नहीं बन पाई है।
यहां तक की महाकुंभ में लापता हुए लोगों की भी सूची अभी तक सरकार नहीं जारी कर पाई है. उन्होंने भगदड़ में मारे गए लोगों को मुआवजा देने में हो रही देरी को लेकर भी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि क्या सरकार किसी ने घोटाले का इंतजार कर रही है. इसके बाद मृतकों को मुआवजा दिया जाए. वह मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर महाकुंभ से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रेस से बातचीत कर रहे थे।
मृतकों का आंकड़ा छिपाने के लिए सरकार उन्हें जबरदस्ती चुप कर रही है : अजय राय ने कहा कि बदहाली और अव्यवस्था का शिकार हुए कुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ से सैकड़ों लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. एवं हजारों लोग लापता हो गये. सरकार ने यह स्वीकार करने में पूरे 24 घंटे लगा दिये कि वहां पर कोई मौत भी हुई थी. सोशल मीडिया पर सामने आयी तस्वीरों और वीडियो के कारण एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से उठाये जाने के कारण सरकार को मजबूरन 30 लोगों की मृत्यु स्वीकार करनी पड़ी।
अजय राय ने कहा कि जबकि सच यह था कि मृतकों की संख्या उससे कहीं ज्यादा थी. अपने झूठ को छिपाने के लिए सरकार नियम विरुद्ध रास्ते अपनाकर मृतकों के आश्रितों को चुप कराने की कोशिश कर रही है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये बगैर पुलिस द्वारा नकद पैसा भिजवा कर अपनी करतूत पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।
अजय राय ने कहा कि झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी के सुंदर नगर के रहने वाले शिवराज गुप्ता की भी मृत्यु प्रयागराज कुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई थी. उनका नाम मृतकों की सूची में नहीं था और ना ही प्रदेश सरकार ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है. उत्तर प्रदेश पुलिस उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये का नकद मुआवजा देने उनके आवास पर पहुंची.इसके अलावा जब इनके पुत्र शिवम ने 5 लाख रुपये लेने से इन्कार कर दिया और कहा कि मुआवजा तो 25 लाख रुपये घोषित था और नकदी में बिना कागजी प्रक्रिया पूरी किये यह मुआवजा क्यों दिया जा रहा है? जबकि झारखण्ड के स्थानीय अधिकारियों द्वारा ऐसी किसी भी कार्यवाही से अनभिज्ञता जताई है।
अजय राय ने बताया कि ऐसा जानकारी में आया है कि बंगाल के दो परिवारों को 5- 5 लाख रुपये नकद दिये गये हैं. वहां भी स्थानीय अधिकारियों द्वारा इस संबंध में अनभिज्ञता जताई गई है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपनाई गई इस प्रक्रिया से संदेह पैदा होता है और कई गंभीर सवाल उठते हैं. उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही छिपा कर क्यों की जा रही है? घटना को लगभग 2 महीने के करीब बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक न मृतकों की सही सूची और न ही लापता लोगों की सूची प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई है।
बिना दूसरे राज्य की सरकार को विश्वास में लिए पुलिस द्वारा नकद पैसा भेज कर क्या छिपाने की कोशिश कर रही है योगी सरकार? नकद में कम मुआवजा देकर क्या कोई नया घोटाला कर रही प्रदेश सरकार? और सभी नियम कानून ताक पर रखकर एक गैंग बनाकर काम कर रही है योगी सरकार. अजय राय ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार अब कम से कम अब उन मृतकों की सूची ही जारी कर दे, जिनके परिजनों को वह नकद पैसा भिजवा रही है।
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