आरएसएस एवं भाजपा को देशद्रोही कहना संविधान विरोधी घृणित मानसिकता : हिंदू विचार मंच पाकुड़िया इकाई
On
पाकुड़िया/पाकुड़/झारखंड:-भारतीय संस्कृति, धर्म एवं राष्ट्रीय भावना को सदियों से प्रोत्साहित करना क्या देश विरोधी कृत्य है? संस्कृति को किसी देश या राष्ट्र की आत्मा कहा गया है, जो राष्ट्रीयता का आधार है। इसी राष्ट्रीय भावना के आलोक में हिंदू विचार मंच पाकुड़िया इकाई ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे के उस कथन की घोर निंदा की है, जिसमें उन्होंने महाकुंभ में भाजपा नेताओं की डुबकी लगाने की आलोचना करते हुए 27 जनवरी को आरएसएस व भाजपा को देशद्रोही कह दिया।
ऐतिहासिक तथ्यों, विशेष रूप से एक हजार वर्षों के पराधीन भारत के संदर्भ में, मंच ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति विस्मरण के कारण ही हम भारतीयों का स्वाभिमान नष्ट हुआ। इसी कारण भारत जैसे आध्यात्मिक और महाशक्तिशाली राष्ट्र को स्वाधीन होने में एक हजार साल लगे। जब भारत के महान सपूतों को राष्ट्रीयता का आधार सांस्कृतिक गौरव का भान हुआ, तब अंग्रेजों को आभास हो गया कि अब भारत में सत्ता का सूर्य अस्त होने वाला है – और हुआ भी।
हिंदू विचार मंच ने आगे कहा कि इन दिनों "इंडिया" गठबंधन, विशेष रूप से कांग्रेस के सांसद एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता, विभिन्न मंचों और कार्यक्रमों के दौरान हिंदू धर्म, संस्कृति, देवी-देवताओं पर तथ्यहीन और निराधार टिप्पणियां कर रहे हैं। मंच का मानना है कि अंग्रेजों ने भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को अपार क्षति पहुंचाकर डेढ़ सौ वर्षों तक अखंड राज्य किया, वहीं स्वतंत्र भारत में कांग्रेस सरकारों ने भी सांस्कृतिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस ने हिंदुओं को विभिन्न जातियों में बांटते हुए वक्फ बोर्ड सहित शिक्षा, विवाह तथा कई प्रकार की विशेष सुविधाएं मुस्लिमों को प्रदान कर भारत में विषमता फैलाई। अब सत्ता पुनः पाने के प्रयास में हिंदुओं, महाकुंभ, आरएसएस पर अनर्गल टिप्पणियां कर देश का माहौल बिगाड़ने पर तुली हुई है।
मंच ने जोर देकर कहा है कि भारतीय संविधान को नेहरू, नरसिम्हा राव और श्रीमती इंदिरा गांधी ने कई बार अपने हित में बदला। वहीं, राहुल गांधी और अन्य नेता आरएसएस तथा भाजपा पर आरोप लगाकर देश की जनता को भ्रमित करते रहे हैं। इसके बाद कांग्रेसी संस्कार के तहत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तो स्पष्ट रूप से कह दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। ऐसी स्थिति में भारत के विशाल बहुसंख्यक हिंदुओं को गंभीर चिंतन करना होगा और बिना जातियों में बंटे एकजुट रहना होगा। तभी भारत के साथ हिंदुओं का सम्मान पूरे विश्व में बढ़ेगा।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
कुंभ मेले में भगदड़ से गोंडा के श्रद्धालु की मौत, परिवार में मचा कोहराम
30 Jan 2025 18:09:06
सैंतालीस वर्षीय ननकन पत्नी के साथ करने गये थे स्नान
अंतर्राष्ट्रीय
भारत के लिए 'मेक इन अमेरिका' प्लान मुसीबत बन सकता है, ट्रंप ने अपनाई 'ईनाम और सजा' नीति
29 Jan 2025 17:39:58
डोनाल्ड ट्रंप- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर जोर उन देशों के लिए बड़ा संदेश है जो अगला...
Comment List