पूर्णाहुति के साथ सिधुआ में हुआ रामकथा का समापन

पूर्णाहुति के साथ सिधुआ में हुआ रामकथा का समापन

पडरौना,कुशीनगर पडरौना शहर से सटे सिधुआ मिश्रौली गांव में चल रहे सात दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन किया गया था। कथा के समापन के अवसर पर हनन पुजन के साथ किया गया। अखिल भारतीय मानव उत्थान सेवा संस्थान के तत्वाधान में कथा विश्राम करते हुये कथा वाचक पंडित त्रियुगीनारायण मणि मानस मर्मज्ञ ने कहा कि

पडरौना,कुशीनगर


पडरौना शहर से सटे सिधुआ मिश्रौली गांव में चल रहे सात दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन किया गया था। कथा के समापन के अवसर पर हनन पुजन के साथ किया गया। 


अखिल भारतीय मानव उत्थान सेवा संस्थान के तत्वाधान में कथा विश्राम करते हुये कथा वाचक पंडित त्रियुगीनारायण मणि मानस मर्मज्ञ ने कहा कि प्रभु श्रीराम का जीवन चरित्र आज भी हम सब को मर्यादित रहने की प्रेरणा देता है। उनकी कथा भारतीय संस्कृति की मधुरता,सामाजिक सौहार्दय, परिवार की ज़िम्मेदारी तथा सबके प्रति सम्मान की आदर्श गाथा है। हमें उसी आदर्श को जीने का प्रयास करना चाहिए। जिससे हमारा देश विश्व गुरु होगा और सच्चे अर्थों में रामराज्य की स्थापना हो सके। कथा का समापन हवन पुजन के साथ हुआ। 


सात दिवसीय रामकथा में पूर्णाहुति के अवसर पर कथा आयोजक राम बालक दास त्यागी,महंत लक्ष्मण दास,महंत महामंडलेश्वर भुनेश्वर दास त्यागी, प्रेम नारायण दास,रामेश्वर दास,महंत दिनेश दास,ग्राम प्रधान प्रतिनिधि आलोक शुक्ला,जिला पंचायत सदस्य जनार्दन कुशवाहा,जितेंद्र गुप्ता,राजन यादव,दीपक यादव,बृजेश सोनी, गुलाम मोहम्मद,राजू गुप्ता,संजय यादव,संजय कुशवाहा,उत्कर्ष कुमार,रउफ अली समेत तमाम संत महंतों के साथ श्रद्धालु शामिल रहे थे।

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