गोशाला के लिए आवंटित जमीन पर निर्माण नहीं करवा पा रहे ग्राम प्रधान

गोशाला के लिए आवंटित जमीन पर निर्माण नहीं करवा पा रहे ग्राम प्रधान

गोशाला के लिए आवंटित जमीन पर निर्माण नहीं करवा पा रहे ग्राम प्रधान


 

 

◆राजस्व टीम ने दिलाया कब्जा, अब खड़े किए हाँथ

स्वतंत्र प्रभात
आलापुरअम्बेडकरनगर।


   उत्तर प्रदेश के मुखिया ने गोवंशों की सुरक्षा हेतु फरमान जारी किया, और गोशालाओं के निर्माण हेतु विकासखण्ड में जमीने चिन्हित होना शुरू हो गयी | नवीन परती,बंजर, ग्राम समाज की जमीनों को ग्राम प्रधान तलाशने लगे। इसी क्रम में विकास खण्ड जहाँगीर गंज के गांव सहाबुद्दीन पुर में जमीन मिली जो गोशाला बनवाने के लिए पर्याप्त थी। फिर करना क्या था ग्राम प्रधान ने कार्ययोजना में जमीन का रकबा भेजा और धनराशि आवंटन की प्रक्रिया खण्ड विकास अधिकारी द्वारा प्रेषित कर दी गयी।


मुख्य समस्या -
       गांव के मुखिया ने जिस जमीन को चिन्हित किया था उसपर (जैसा खतौनी उद्धरण में दर्ज है)  रामफेर यादव पुत्र सदली के नाम दर्ज हो गयी थी,
जिसपर राजस्व की टीम के द्वारा पैमाइश एवम मौका देखने के बाद गाटा संख्या 936,987 का पूरा रकबा ग्रामसभा को सौप दिया गया, जब इसपर रामफेर एवम उसके बेटों ने विरोध जताया तो ग्रामप्रधान सहाबुद्दीन के शिकायती पत्र पर राजस्व की टीम उप जिलाधिकारी,तहसीलदार,लेखपाल मय फोर्स स्थल पर पहुँच कर विवादित जमीन को ग्रामसभा के हवाले करवाया और रकबे को चिन्हित कर चारो तरफ मिट्टी का टीला बनवाया दिया गया,

  कैसे बढ़ा विवाद-
      राजस्व की टीम द्वारा ग्रामसभा को जमीन सौपने के बाद रामफेर यादव ने साक्ष्य को छिपाते हुए उच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर ले आया,
रामफेर द्वारा पुराना खतौनी उद्धरण जिसपर रकबा उसके नाम दर्ज था उसे प्रस्तुत किया और स्थगन का आदेश उच्च न्यायालय से लिया।
खुद ही किया आदेश का उलंघन
      उच्च न्यायालय ने यथा स्थिति बरकरार का आदेश अगली सुनवाई तारीख तक दिया था, आदेश पाने के बाद राजस्व टीम द्वारा बनाए गए टीले को ट्रैक्टर से समतल करने लगा ,
जब इसकी शिकायत डायल 112 को की गई तो पुलिस पहुचने के पहले ही ट्रैक्टर लेकर भाग खड़ा होता था, घर की महिला सामने आ जाती थी,आखिर पुलिस की भी कुछ मजबूरियां हैं बिना महिला कांस्टेबल के किसे घटना स्थल से वैन में बैठाकर थानाध्यक्ष के सामने पहुचाये,

यह बोले तहसीलदार - मामला संज्ञान में है, रामफेर यादव के पास  उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश है, अगली सुनवाई तक यथा स्थिति बरकरार रखनी चाहिए,

यह बोले खण्ड विकास अधिकारी -
     यह कानून का उलंघन है, रामफेर यादव का अधिकार जमीन की स्थिति को बिगाड़ने का नहीं है, यह निर्णय माननीय न्यायालय का होगा, इस सम्बंध में थानाध्यक्ष को सूचना दी गयी है,
यह बोले थानाध्यक्ष जहाँगीरगंज
      यह मामला राजस्व का है ग्रामसभा के सभी नागरिक शांति व्यवस्था बनाने में सहयोग करें, माननीय न्यायालय का जैसा आदेश होगा, अक्षरशः पालन कराया जाएगा।
यह बोले लेखपाल-
      इस मामले की जानकारी मिली है, राजस्व की टीम के साथ मेरी मौजूदगी में जमीन चिन्हित की गई थी, जिसपर ग्रामप्रधान द्वारा कच्ची बाउंड्री का निर्माण करवाया गया था, इस खाते में रामफेर यादव का नाम दर्ज हुआ था जिसे खारिज कर जमीन का रकबा ग्रामसभा को सौप दिया गया था। अब माननीय न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा है, जैसा आदेश होगा पालन कराया जाएगा।

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