क्लबफुट वाले बच्चों का अस्पताल में होगा मुफ्त इलाज
-मिरेकल फीट इंडिया संस्था जिला अस्पताल में चलाएगी क्लीनिक
महोबा । ब्यूरो रिपोर्ट-अनूप सिंह
टेढ़े-मेढ़े पंजे (क्लबफुट) के साथ जन्म लेने वाले नवजात को अब इस विकृति से निजात पाने के लिए बांदा, कानुपर या अन्य महानगर नहीं जाना होगा। इस जन्मजात विकृति से नवजातों को निजात दिलाने की मुहिम चलाने वाली मिरेकल फीट इण्डिया संस्था का जल्द ही जिला अस्पताल में क्लीनिक खुलेगा। शासन से पत्र आते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को क्लीनिक के लिए आर्थाेपैडिक ओपीडी के पास कक्ष आवंटित करने और क्लीनिक का संचालन शुरू कराने को निर्देशित किया है।
डीईआईसी मैनेजर डा. अंबुज गुप्ता ने बताया कि जनपद के प्रसव केंद्रों में जन्म लेने वाले बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम स्वास्थ्य परीक्षण करती हैं। नवजात में जन्मजात विकार या विकृति की पुष्टि होने के बाद उनके मुफ्त उपचार की व्यवस्था भी कराती हैं। खासतौर से पैर के टेढ़े-मेढ़े पंजों संग जन्म लेने वाले नवजातों को उपचार के लिए अभी तक बांदा या कानपुर भेजा जाता है। बांदा में मिरेकल फीट इंडिया टीम की मदद से ऐसे बच्चों को निःशुल्क उपचार कराया जाता है।
अब ऐसे बच्चों को उपचार के लिए मिरेकल फीट इंडिया का जिला अस्पताल में क्लीनिक खुलेगा। इसके लिए शासन स्तर से पत्र जारी हुआ है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. डीके गर्ग ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आरपी मिश्रा को आर्थाेपैडिक ओपीडी के पास कक्ष उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। संस्था के जिला समन्वयक दुर्गा प्रसाद जन्मजात विकृति से ग्रसित बच्चों को देखकर उनके उपचार का इंतजाम करेंगे।
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