प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जिला अस्पताल में मरीजों में

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फल दूध का वितरण कर उनके दीर्घायु होने की कामना की 


स्वतंत्र प्रभात

 उन्नाव भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला वास्तुकार माना गया है। इस साल विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को विश्वकर्मा पूजा की जाती है। इस दिन विशेष तौर पर औजार निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों दुकानों कारखानों मोटर गैराज वर्कशॉप लेथ यूनिट कुटीर एवं लघु इकाईयों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। इस दिन अपने कामकाज में उपयोग में आने वाली मशीनों को साफ करें।

फिर स्नान करके भगवान विष्णु के साथ विश्वकर्माजी की प्रतिमा की विधिवत पूजा करनी चाहिए। ऋतुफल मिष्ठान्न पंचमेवा पंचामृत का भोग लगाएं। दीप-धूप आदि जलाकर दोनों देवताओं की आरती उतारें। भगवान विश्वकर्मा के जन्म को लेकर शास्त्रों में अलग-अलग कथाएं प्रचलित हैं। वराह पुराण के अनुसार ब्रह्माजी ने विश्वकर्मा को धरती पर उत्पन्न किया। वहीं विश्वकर्मा पुराण के अनुसार, आदि नारायण ने सर्वप्रथम ब्रह्माजी और फिर विश्वकर्मा जी की रचना की। भगवान विश्वकर्मा के जन्म को देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन से भी जोड़ा जाता है।

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