नर्सिंग होम में भर्ती मरीज की मौत, परिजनों ने कांटा हंगामा

नर्सिंग होम में भर्ती मरीज की मौत, परिजनों ने कांटा हंगामा

नर्सिंग होम में भर्ती मरीज की मौत, परिजनों ने कांटा हंगामा


स्वतंत्र प्रभात-

फतेहपुर-बाराबंकी।

ब्लॉक सूरतगंज के कस्बा लालपुर स्थित एक निजी चिकित्सालय में कई दिनों से भर्ती चल रहे मरीज ने रविवार की देर रात्रि दम तोड़ दिया। लापहरवाही की बात कहें परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। राजनीतिक दबाव में देर रात्रि थाने पर पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता करा दिया है, और परिजन शव लेकर घर चले गए। घटना थाना मो0पुर खाला क्षेत्र के गांव पिपरी की है।

जहां पर स्थानीय निवासी महादेव गौतम के 30 वर्षीय बेटे रामकरन को आत संबंधित बीमारी थी। पिछले कुछ दिनों से उसे तकलीफ बढ़ी हुई थीं। ऐसे में उसका बेटा गोविंद इसी थाना क्षेत्र में लालपुर स्थित आशीर्वाद नर्सिंगहोम में नौकरी करता था। सुविधाओं के चलते बेटे ने पिता रामकरन को वहीं भर्ती करवा दिया। अस्पताल के संचालक उपेंद्र वर्मा ने उसे अच्छे इलाज का झासा देकर उससे एक लाख 80 हजार रुपये ऐंठ लिए।

उसके बाद यहां के डाक्टरों ने रामकरन को जिले पर ले जाकर आपरेशन करवा दिया। उसके बाद पुनः नर्सिंगहोम में लाकर उसको भर्ती कर लिया। लापरवाही के चलते रविवार की शाम छह बजे रामकरन की मौत हो गई। तो गुस्साए परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया।इसकी सूचना लालपुर चौकी पर दी गई। घटनास्थल पहुंचे चौकी प्रभारी अरुण कुमार मिश्रा ने परिजन  और नर्सिंगहोम के संचालक, शव को थाने पर भेज दिया। ये नर्सिंगहोम भी भाजपा कार्यकर्ता के ही बिल्डिंग पर किराए के भवन में संचालित होती है।

जिसके चलते राजनीतिक दबाव में पुलिस ने देर रात्रि दोनों पक्षों में सुलह समझौता करवा दिया है। तो परिजन शव को बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के ही घर लेकर चले गए। सोमवार शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक रामकिशन राना ने बताया कि दोनों पक्षों ने सुलह कर लिया था।मृतक पक्ष के लोग शव का पीएम नहीं करवाना चाहते थे। 

पूर्व में भी सील हो चुका है अस्पताल: बीते तीन महीने में आशीर्वाद नर्सिंग होम पर स्वस्थ विभाग ने दो बार इस अस्पताल में छापेमारी की है। लेकिन पहलीबार छापेमारी में संचालक को सिर्फ नोटिस थमाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया। दूसरी बार में इससे सीज तो किया गया। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत और स्वयं की पहुँच का फायदा उठाकर सीज अस्पताल पुनः चालू करवा दिया। अंततः अप्रशिक्षित डाक्टरों ने एक युवक की जान ही ले ली। अभी भी प्रशासन न चेता तो क्षेत्र में जनहानि की आशंका बनी रहेगी।

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