सिंथेटिक दूध का कारोबार दिन प्रतिदिन फल फूल रहा
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हरदोई शाहाबाद। क्षेत्र में दूध के कम उत्पादन और ज्यादा डिमांड के चलते मिलावटखोरी के मामले बढ़े हैैं। बाजार की डिमांड पूरी करने के लिए सिंथेटिक दूध का कारोबार फलफूल रहा है। शायद, यही वजह है कि बाजार में दूध की कोई कमी नहीं है। दूध से बाजार पटा पड़ा है। वहीं संबंधित विभाग की कार्रवाई भी महज खानापूर्ति भर सीमित रह गई है। डिमांड के अलावा दुधारू पशुओं की संख्या में लगातार हो रही कमी भी दूध उत्पादन में गिरावट का कारण माना जा रहा है।
दूध के अलावा इससे बने सह उत्पाद जैैसे पनीर, मावा, मिठाई आदि की मांग बढ़ रही है, जिसकी कमी पूरी करने के लिए मुनाफाखोर मिलावट करने से नहीं चूकते हैं। समय-समय पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन टीम के अभियानों में दूध के अलावा इसके सह उत्पादों के नमूने लेना महज रस्म अदायगी तक सीमित है। दूधियों द्वारा क्रीम निकालकर दूध में रिफाइंड ऑयल या पानी मिलाने की पुष्टि हो चुकी हैै।
त्योहार या सहालग में तो सिंथेटिक दूध से लेकर नकली मावा का कारोबार तेजी पकड़ लेता है। अलग-अलग क्षेत्रों में स्थापित डेयरियों पर दूध से क्रीम निकालने का सिलसिला भी बेधड़क चल रहा है, जिससे उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाले दूध की गुणवत्ता दोयम दर्जे की रह जाती है। इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई उपाय नहीं किए गए हैं।
शाहाबाद इलाके में दुधारू पशुओं की भले ही कमी हो गई है, लेकिन जगह-जगह दूध से क्रीम निकालने की मशीनें लगी होना यह साबित करता है कि यहां भी दूध का कारोबार जमकर हो रहा है।
सिंथेटिक दूध के साथ यहां डेयरियों पर क्रीम निकलवाने का धंधा भी जोरों पर है। इससे पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध की क्वालिटी में भी कमी आई है। यहां क्रीम निकलवाने के लिए दूधियों की लाइन लगी रहती है। क्रीम निकलवाकर दूध बिक्री से दूधियों को काफी लाभ होता है। जानकारों के मुताबिक पशुओं की संख्या निर्धारित नहीं रहती है, क्योंकि इनकी बिक्री भी होती रहती है और यहां खरीदकर लाया भी जाता है।
क्षेत्र में मिलावटी दूध धड़ल्ले से बिक रहा है। मिलावटी दूध पीकर लोग बीमार हो रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कई बार ऐसे मरीज आते हैं तो बताते हैं कि मिलावटी और केमिकल युक्त दूध सेहत को नुकसान पहुंचाता है। वॉशिंग पाउडर, यूरिया और केमिकल युक्त दूध पीने के बाद लोगों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द आदि की तकलीफ हो जाती है। गंदा पानी मिला हुआ दूध पीने से पेट संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। लक्षण दिखने पर रोगी का तुरंत उपचार कराना चाहिए। दूध में मिलावट के खिलाफ अभियान चलाए जाते हैं।परंतु खाद्य निरीक्षक ले देकर मामले रफा दफा कर देते हैं।
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