साहब हमे भी दे दो आवास, क्या हम गरीब नही

साहब हमे भी दे दो आवास, क्या हम गरीब नही

पीएम आवास योजना के अंतर्गत योजना का पात्र होते हुए भी नहीं मिला लाभ। 

ताजा मामला मियागंज ब्लाक के कोरबारी कला खुर्द का है

पति की मृत्यु हो जाने के बाद अपने दो बच्चों के साथ फटे ट्रिपल के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर नहीं मिल सका अभी तक पीएम और कम योजनाओं के अंतर्गत आवास। 

उन्नाव।

जिले के मियां गंज ब्लॉक स्थित कुरी कला खुर्द गांव में पीएम और सीएम आवास योजना के अंतर्गत लाभारित लाभान्वित होने वाले लोगों के जमीनी हकीकत का जीता जागता उदाहरण वहां के रहने वाले रामकली स्वर्गीय मेवा लाल की पत्नी है जिन्हे कई बार आवास का आश्वासन तो मिला लेकिन आज तक आवास संबंधित कोई भी लाभ नहीं मिल सका l

जानकारी के मुताबिक रामकली ने बताया कि ग्राम प्रधान राधे श्याम से उनके द्वारा कई बार आवास के लिए गुहार लगाई गई। लेकिन उन्हें हर बार किसी न किसी बहाने के चलते टाल दिया गया। रामकली की हालत इतनी गंभीर है कि वह अपने दो बच्चों के साथ बरसात के दौरान फटे तिरपाल के नीचे जैसे तैसे अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर है l

तालाब किनारे चूल्हा रखकर अपने बच्चों का पालन पोषण करने को विवश लेकिन प्रशासन की अनदेखी और संसाधनों की कमी के चलते उनके स्थिति को और भी जटिल बना दिया है l

हाल ही में रामकली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें वह अपनी कठिनाइयों और परेशानियों का जिक्र करते हुए संबंधित सरकार से मदद की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं इस वीडियो के वायरल होने के बाद सी. डी. ओ. प्रेम प्रकाश मीणा ने मामले का सजान लेते हुए मियागंज ब्लाक के वीडियो को निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले की जांच अति शीघ्र करें और रामकली को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ त्वरित दिलाया जाए।

रामकली ने दुखी होकर कहा 

मैंने कई बार ग्राम प्रधान से सहायता मांगी लेकिन हर बार मुझे कोई ना कोई बहाना बनाकर वापस कर दिया गया। अब मुझे नहीं पता कि और मैं क्या कर सकती हूं। 

उनकी इस पीड़ा को देखते हुए स्थानीय लोगों को भी अंदर तक जागझौर कर रख दिया है जो प्रशासन के लापरवाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। 

सी. डी. ओ. प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा के मामले की जांच जल्द से जल्द की जाएगी और जो भी लापरवाही हुई है उसके खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि इस तरह की कोई दूसरी घटना ना हो सके उनके सक्रियता को देखते हुए स्थानीय लोगों में उम्मीद की नई आशा जगी है कि शायद अब रामकली को न्याय के साथ-साथ उसका सपनों का घर मिल सके। 

फिलहाल ग्राम प्रधान राधेश्याम का कहना है की रामकली के लिए आवास का आवेदन किया गया था। परंतु कुछ टेक्निकल इश्यूज से यह मामला अटका हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान की मनमर्जी के चलते पीड़िता को आवास का लाभ नहीं मिल सका है।

ग्रामीणों की मांग 

स्थानीय लोग इस मामले में प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि हर उस व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ निष्पक्ष तरीके से मिल सके और भेदभाव ना हो इस तरह की व्यवस्था की जाए उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है की गरीब और वंचित लोगों के लिए आवास जैसी आधारभूत सुविधाओं का तत्काल समाधान किया जाना नितांत आवश्यक है। ताकि कोई और परिवार रामकली की तरह कोई अन्य इस तरह की पीड़ा को झेलने के लिए विवश न हो l

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