ब्लॉक भीटी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर
ब्लॉक भीटी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर
प्रधान व सचिव द्वारा मत्स्य पालन हेतु आवंटित तालाब का सौंदरीकरण करवाकर अमृत सरोवर का नाम देने का कर रहे कार्य
रिपोर्टर: प्रमोद कुमार वर्मा
स्वतंत्र प्रभात
अंबेडकर नगर।
अमृत सरोवर कार्यक्रम के अंतर्गत तालाबों का सौंदर्यीकरण करवा कर उन्हें अमृत सरोवर का नाम दिया जा रहा है । इसी कार्यक्रम के तहत शासनादेश को नजर अंदाज करते हुए रिउना ग्राम सभा के प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा तालाब गाटा संख्या 105 जो की रतीपाल निवासी ग्राम रिउना तहसील भीटी जनपद अंबेडकर नगर के नाम से मत्स्य पालन हेतु आवंटित हो गया है। उसका भी सौंदरीकरण करवाकर अमृत सरोवर का नाम देने का कार्य करवा रहे हैं ।जबकि शासनादेश के अनुसार जो तालाब मत्स्य पालन के लिए आवंटित हो चुका है, उसका अमृत सरोवर के रूप में सौंदरीकरण नहीं करवाया जा सकता। ऐसे में प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से आवंटित तालाब का सौंदर्यीकरण करवाया जा रहा है।
जिसके तहत रती पाल ने उप जिला अधिकारी को लिखित प्रार्थना पत्र देकर तालाब का अवैध रूप से सौंदरीकरण करवाए जाने को लेकर न्यायोचित कार्यवाही करने की मांग की है और यह भी मांग की है कि तालाब का सौंदरीकरण करवाया जाना जो कि अवैध है उसे तत्काल प्रभाव से रोकने की कृपा की जाए।ऐसे में जब स्वतंत्र प्रभात के संवाददाता द्वारा उप जिला अधिकारी भीटी सुनील कुमार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि शासनादेश के अनुसार आवंटित तालाब का सौंदरीकरण नहीं करवाया जा सकता । इसमें प्रधान ने मत्स्य पालन हेतु आवंटित फार्म पर हस्ताक्षर भी किया है परंतु प्रधान अब झूठ बोल रहा है और कह रहा है कि मुझे नहीं पता था कि तालाब आवंटित है। उप जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से अमृत सरोवर के नाम पर खाते से पैसा भी निकाल लिया गया है, और यह भी बताया कि ब्लाक के कर्मचारी समेत प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी का कहना है कि मुझे नहीं पता है कि तालाब आवंटित हुआ है।
इसकी जानकारी उन सबको आकर मुझसे लेना चाहिए मैं उनसे बताने थोड़ी जाऊंगा। जब इसके बारे में खंड विकास अधिकारी अंजली भारतीय से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। आज संज्ञान में आया है अब इसकी जांच करवा जाएगा और आवंटित तालाब को सौंदरीकरण हेतु कोई भी धन आवंटित नहीं किया जाएगा। यदि ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से धन का बंदरबांट हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी और इस पर संवैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
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