sukhe sarowar
कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

संजीव-नी। सूखे सरोवर परिंदे छोड़कर जाने लगे हैl

संजीव-नी। सूखे सरोवर परिंदे छोड़कर जाने लगे हैl स्वतंत्र प्रभात  संजीव-नी। सूखे सरोवर परिंदे छोड़कर जाने लगे हैl    दरख्तो से पुराने घरोंदे वो उठाने लगे  सूखे सरोवर परिंदे छोड़कर जाने लगे हैl    नहि अंदेशा है उन्हें अपनी उडान की दूरी का, कंधे पर रख जीन्दगी का क़र्ज़ चुकाने...
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