ईएसआईसी अस्पताल के हजारो कर्मचारी 8 से 11 मई तक लंबित पडी मांगों पर करेगें विरोध प्रदर्शन

ईएसआईसी अस्पताल के हजारो कर्मचारी 8 से 11 मई तक लंबित पडी मांगों पर करेगें विरोध प्रदर्शन

स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी। 

नई दिल्ली। ऑल इंडिया लेबल पर  ईएसआईसी अस्पताल के हजारों कर्मचारी प्रशासन के खिलाफ अलाईड हेल्थ  एंड केयर प्रोफेशनल्स पेरामेडिकल स्टाफ से  संबंधित अर्से  से लंबित पडी अपनी 18 मांगों को  लेकर तमाम कर्मचारियों द्वारा 8 से 11 मई  चार दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस बावत ऑल इंडिया ईएसआईसी (मेडिकल) इंप्लाइज फेडरेशन के सेकेट्री जनरल किशन चंद ने प्रेस को  बताया कि फेडरेशन ईएसआईसी अस्पतालों में कार्यरत अलाईड हेल्थ एंड केयर प्रोफेशनल्स  पैरामेडिकल स्टाफ की अर्से से लंबित मांगों को लेकर 8 मई से 11 मई तक ईएसआईसी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।

इस दौरान शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन के तहत तमाम कर्मचारी अपनी बाजू में काली पट्टियां बांधकर काम को अंजाम देगे। इस दरमियान अस्पताल के कार्यो में कोई बाधा नही की जाएगी। फेडरेशन के जर्नल सेकेट्री किशन चंद ने बताया कि  पूरे भारत में चालित ईएसआईसी अस्पताल, डिस्पेंसरियों में कार्यरत हजारों कर्मचारी जिनमें, लेब टेक्निशियन, नर्सिंग अर्दली, ऑपरेशन थिएटर, इसीजी, लाॅन्डिरी, ,सीएसएसडी स्टाफ समेत किचन तक के कर्मचारी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल रहेगें। फेडरेशन का कहना है कि मेन मुद्दा स्टाफ नॉर्म्स को लेकर है। कडे संघर्ष के बाद साल 2002 में स्टाफ नॉर्म्स तो बनाए गए।

फरवरी,2024 में इन्हें अपडेट भी किया गया। लेकिन ताज्जुब है कि सेंकशन स्ट्रेंग्थ को अब तक लागू नहीं किया गया। वहीं सर्विस कंडीशन 2022 को भी पेंडिंग रखा जा रहा है। इसके अलावा एमएसईबी के तहत सैंकडों कर्मचारियों के बेनिफिट तक नहीं दिए गए हैं। इनमें रिटायर्ड या ड्यूटी के दौरान डेथ कर गए स्टाफ को मिलने वाले लाभ तक से वंचित रखा जा रहा है।  नई दिल्ली स्थित ईएसआईसी बसई दारापुर अस्पताल के यूनियन लीडर सुनील सरकनिया के मुताबिक बसई अस्पताल प्रशासन के सैंकडो प्रभावित स्टाफ विरोध स्वरूप बाजू पर काली पट्टियां बांधकर 8 से 11 मई  तक प्रदर्शन में शामिल रहेगें।

 
 

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

राज्य उचित प्रक्रिया के बिना संपत्ति का अधिग्रहण नहीं कर सकता ।संपत्ति का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है। -सुप्रीम कोर्ट। राज्य उचित प्रक्रिया के बिना संपत्ति का अधिग्रहण नहीं कर सकता ।संपत्ति का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है। -सुप्रीम कोर्ट।
        स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो।     सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निजी संपत्ति को "सार्वजनिक उद्देश्य" के लिए राज्य के मनमाने अधिग्रहण

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel