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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

संजीव-नीl

संजीव-नीl चिरागों तुम सूरज बन जाना।गर्दिश में संग न छोड़ देना,या खुदा मेरी राहें मोड़ देना।ढेरों तुम फेखो,मुझे आता है,पत्थरों को भी निचोड़ देना।ऐ चिरागों कभी सूरज बन कर,आंधियों को भी झिंझोड़ देना,जुल्म की...
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 [जम्मू-काश्मीर में आतंकवादी घटना पर त्वरित कविता]

 [जम्मू-काश्मीर में आतंकवादी घटना पर त्वरित कविता] जम्मू(कठुआ) में जवानोंपर तुमने किया हमलानिरीह श्रद्धालुओं कोमौत की नींद सुलाईतुम्हें जरा भी शर्म नहीं आई।हमला था तुम्हारा कायराना,हमसे बढ़ाना चाहते हो यारानाअब फिर तुम्हारे घर में घुसमार कर सर्वनाश करेंगे तुम्हारा।...
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संजीव-नी।

संजीव-नी। खुशियों के छोटे पल ।छोटे छोटे पल खुशिया दे जाते है,चाहत,कामना,मायुषी दे जाते है।लालच हमेशा बुरी बला ही रही,परोपकार के पल सुख दे जाते है।ख्याति,धन बहुत कुछ हो सकते है,शांति के दो पल जिंन्दगी...
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संजीवनी।

संजीवनी। कुछ बातें सुन ले।कुछ दर्द की बातें गहरी हमसे सुन ले,कुछ गुफ्तगू नर्गिस ए बीमार से कर ले।नाविस्त है तेरे हुस्न सा बेहतरीन,दिल की बातें अब आंखों से कर ले।मेरी फना पर ना खिलखिलाना तुम,...
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संजीवनी।

संजीवनी।       क्यों खतो में इत्र की तरह महकते नहीं।क्यों गुलाबों की तरह महकते नहीं,क्यूं चिड़ियों की तरह चहकते नहीं।दफ्न हो रही है तमन्ना ए आरजू,क्यू कलियों की तरह खिलते नहीं।मर जायेगा आशिक़ तनहा होकर,क्यों खतो...
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संजीव-नी।

संजीव-नी। अपने स्वयं को पहचानो lपरिश्रम और बलिदान।महान राष्ट्र की पहचान,युवा उठो जागोअपने स्वयं को पहचानो,श्रम शक्ति और लगन,देश के विकास के लिएतुम्हें पैदा करनी है अगन। भारत है युवाओं का देशअनेक है...
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