भाकपा के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी के माध्यम से तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

भाकपा के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी के माध्यम से तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

विशेष संवाददाता मसूद अनवार की रिपोर्ट

बलरामपुर

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय आवाह्न पर मंगलवार को जिला सचिव कॉमरेड हाजी नब्बन खां के आवास कार्यालय नगर पालिका के पास फिलिस्तीन के समर्थन में राष्ट्रपति से संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी जनपद बलरामपुर के माध्यम से तहसीलदार बलरामपुर सदर को सौंपा गया। ज्ञापन में गाजा पट्टी एवं वेस्ट बैंक में इजराइल द्वारा किए जा रहे हमले को तत्काल बंद किए जाने तथा गाजा पट्टी की घेराबंदी समाप्त किए जाने की बात कही गई है। डीएम को दिए गए ज्ञापन में फिलिस्तीन को लेकर कहा गया है कि हम लोग अपनी आंखों के सामने देख रहे हैं कि गाजा पट्टी में और वेस्ट बैंक में इजरायल की फौज के द्वारा नरसंहार किया जा रहा है। अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के अनेकों अमीर देशो की आंखों में कोई शर्म और लिहाज मानवता के लिए नहीं है। गाजा पट्टी में इजरायल की बमबारी से 9000 से ज्यादा लोग, औरतें, बच्चे, बूढ़े अभी तक मारे जा चुके हैं और घेराबंदी जारी है। बेशर्म इजराइल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भारत सरकार फिलिस्तीन की जनता के समर्थन में परंपरागत समर्थन की राजनीति को छोड़कर अमेरिका की स्थिति के पीछे जा खड़ी हुई है। इसका सबूत है कि जब संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली में गाजा पट्टी पर प्रस्ताव आया, जिसमें मांग की गई कि वहां पर तत्काल सीज फायर किया जाए तो भारत ने उसके समर्थन में वोट नहीं दिया और न्यूट्रल हो गया, जिसको भारत सरकार के नेता अपनी बड़ी अक्लमंदी बता रहे हैं। वास्तव में यह काम अमेरिकन राजनीति का पिछलग्गू बननें के लिए किया गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी फिलिस्तीन की जनता के साथ है। जिला सचिव कॉमरेड हाजी नब्बन खां द्वारा 5 सूत्रीय मांग पत्र डीएम बलरामपुर को देकर राष्ट्रपति से मांग की गई है कि गाजा पट्टी पर तत्काल युद्ध विराम घोषित किया जाए और उसके विरुद्ध की जा रही दुश्मनी और हिंसा की कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। गाजा पट्टी की अमानवीय घेरा बंदी को तत्काल समाप्त किया जाए। दो राज्यों की स्थापना के लिए तत्काल बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाए। 1967 की सीमाओं के अनुसार फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्वीकार किया जाए तथा पूर्वी यरुशलम में उसकी राजधानी को मान्यता दिया जाए। भारत सरकार अपनी वर्तमान नीति को बदले और फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करे। इस अवसर पर कॉमरेड कल्लू सिंह चौहान, कॉमरेड पीताम्बर आजाद, कॉमरेड रामतीरथ मौर्या, कॉमरेड कलीम अंसारी, कॉमरेड निजामुद्दीन, मोहम्मद इमरान, मौलाना निजामुद्दीन, अनवर अली आदि लोग मौजूद रहे।

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