विनय हत्या कांड में परिजनों को स्थानीय प्रशासन से न्याय मिलने से उठा भरोसा, प्रशासन द्वारा दिये गए आश्वासन का नही हुआ कोई असर,

सी ओ की कार्य प्रणाली पर उठने लगे प्रश्न चिन्ह, न्याय नही मिला तो नही होगा विनय का ब्रह्मभोज

विनय हत्या कांड में परिजनों को स्थानीय प्रशासन से न्याय मिलने से उठा भरोसा, प्रशासन द्वारा दिये गए आश्वासन का नही हुआ कोई असर,

ब्यूरो/शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी/रिपोर्ट-वृजनाथ त्रिपाठी

  गोरखपुर जनपद के शासन प्रशासन ने जो भीअश्वासन दिया वह पूरा नही हुआ। पुलिसिया कार्यवाही से हम सभी लोग पूरी तरह असंतुष्ट है। मेरे द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे  में अभियुक्तों के विरुद्ध अब तक कोई  कार्यवाही उच्च अधिकारियों द्वारा नही किया गया।

इतना ही नहीँअब तक हमारे यहां कोई जबाबदार अधिकारी तक नही पहुचा। हम लोगो को सी सी फुटेज अब तक नही दिखया गया। पी एम रिपोर्ट भी नही उपलब्ध कराया गया।सी सी फुटेज में मुझे पूरी तरह भरोसा हो चुका है कि पुलिस द्वारा अपनी बचाव में भारी  हेरा फेरी की जा चुकी है।

मेरा भाई घर से स्वस्थ पुलिस के साथ गया लेकिन एक घण्टे बाद क्या हुआ कि विनय की थाने में म्रत्यु हो गयी। मेरा भाई फर्श पर तपड रहा था और पुलिस तमाशा देख रही थी।

उक्त बाते शनिवार को मृतक में भाई व मुकदमा वादी चन्द्र प्रकाश पांडेय व विनोद पांडेय ने अपनी पीड़ा बया करते हुए कही।
आगे उन्होंने कहा कि विनय थाने में लगभग दस बजे के पहले ही मर चुका था ।ग्यारह बजे रात को उसके ऊपर मुकदमा छेड़छाड़ का गोला पुलिस दर्ज किया ।और मेरे तहरीर पर तीन बजे जिला के आला अफसरानों के आदेश पर दर्ज हुआ।

 आज तक का रिकार्ड है कि मेरे परिवार पर एक भी मुकदमा किसी के द्वारा दर्ज नही कराया गया है।हमे न्याय चाहिए ।मुकदमा के विवेचक सी ओ गोला रतनेश्वर सिंह से हमे  न्याय की आशा नही है। परिजनों ने एक स्वर से कहा किअगर न्याय नही मिला।नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नही हुई  तो विनय पांडेय का ब्रह्मभोज क्रिया कर्म सम्पन्न नही होगा।

बताते चले कि गोला थाने का यह दूसरा रिकार्ड है कुछ बर्ष पहले देवकली में एक मौर्य  ने अपने पूरे परिवार को आग लगा कर जला डाला और उसके बाद खुद को आग के हवाले कर दिया ।पूरा कुनबा साफ हो गया। मौके पर पुलिस पहुची और मृतक के विरुद्ध 302 आई पी सी में मुकदमा   कायम कर मिशाल पेश कर दिया।

अब प्रश्न खड़ा है कि घटना में पुलिस महकमे के साथ अन्य लोग अभियुक्त है।कार्यवाही पुलिस द्वारा होनी है।क्या मृतक के परिजनों को न्याय मिलेगा । आखिर उस 32 वर्षीय विधवा पूनम और उसके दो  नौनिहाल बच्चों का क्या होगा।कौन बच्चों का आश्रय दाता बनेगा।यह सब प्रश्न समाज शासन प्रशासन के सामने खड़ा पड़ा है।

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