भगवान का नाम कल्याण का खजाना- वंदना शास्त्री

भगवान का नाम कल्याण का खजाना- वंदना शास्त्री

मिल्कीपुर अयोध्या। भगवान का नाम कल्याण का खजाना है सभी सुखों की प्राप्ति भगवत कृपा से ही संभव है। भगवान के संकीर्तन से ही व्यक्ति को सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है।

श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है। दोस्ती की मिसाल है श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता। उपरोक्त बातें क्षेत्र के ग्राम सभा गोकुला के मजरे सथरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस राष्ट्रीय कथावाचक वंदना शास्त्री ने कृष्ण सुदामा की मित्रता और परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहीं। सुदामा कृष्ण की मित्रता का प्रसंग सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे।

सुदामा और कृष्ण की मित्रता का मार्मिक चित्रण करते हुए कथा व्यास ने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर भगवान से मिलने गए और जब घर वापस आये तो भगवान ने कृपा करके उनकी झोपड़ी को आलीशान महल बना दिया। सुशीला ने सुदामा से कहा, देखा कृष्ण का प्रताप, हमारी गरीबी दूर कर कृष्ण ने हमारे सारे दुःख हर लिए। सुदामा को कृष्ण का प्रेम याद आया। उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। , कृष्ण और सुदामा का प्रेम यानी सच्ची मित्रता यही थी।

कृष्ण ने सुदामा को अपने से भी ज्यादा धनवान बना दिया था। दोस्ती के इसी नेक इरादे की लोग आज भी मिसाल देते हैं। आज भी दोस्ती के दौरान श्रीकृष्ण व सुदामा की मिसाल पेश की जाती है।इस अवसर पर भारी संख्या में श्रोताओं ने कथा का रसपान किया।

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