महाराष्ट्र में सपा न बिगाड़ दे इंडिया गठबंधन का खेल 

महाराष्ट्र में सपा न बिगाड़ दे इंडिया गठबंधन का खेल 

महाराष्ट्र में 2024 विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर 2024 को होगा, और परिणाम 23 नवंबर 2024 को घोषित किए जाएंगे लेकिन समाजवादी पार्टी ने वहां अपने पांच उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है। जब कि सपा उस इंडिया गठबंधन की सदस्य है जिसमें शिव सेना उद्धव ठाकरे, एनसीपी शरद पवार और कांग्रेस भी शामिल हैं। अखिलेश यादव का यह दांव विपक्ष में किसी की समझ में नहीं आ रहा है। जबकि अखिलेश यादव के इस कदम से भारतीय जनता पार्टी और उसके घटक दल खुश हैं। महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने महाराष्ट्र में एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहुंचे और जनसभा को संबोधित किया। इसी दौरान उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने पांच उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी जिससे इंडिया गठबंधन के अन्य दल सकते में आ गए।
 
महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा किस ओर जा रही है वह इस बार के विधानसभा चुनाव में खुलकर आ जायेगा। क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के परिणामों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 सीटें, कांग्रेस ने 44 सीटें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 54 सीटें तथा अन्य ने  29 सीटें जीतीं थीं। कुल 288 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत होती है। भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत हासिल कर लिया था, लेकिन बाद में दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद हो गए। इसके बाद शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई, और मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बने।
 
लेकिन बीच में ही पहले शिव सेना टूटी और बाद में एनसीपी के भी दो खंड हो गये। शिव सेना के शिंदे गुट ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया और एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए। अक्टूबर 2024 तक सरकार का नेतृत्व शिवसेना शिंदे गुट कर रही है, और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। इस सरकार  भारतीय जनता पार्टी  के पास लगभग 106 विधायक हैं। जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) के पास 40 से अधिक विधायक हैं। तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के पास भी समर्थन में 40 से अधिक विधायक हैं। अन्य दलों और निर्दलीय विधायक भी सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इस बीच के समय में शिव सेना और एनसीपी के असली और नक़ली का खेल चलता रहा, यहां तक कि शिव सेना शिंदे गुट ने शिव सेना का चुनाव चिन्ह भी अपने कब्जे में कर लिया। जब कि शरद पवार अपने नेतृत्व वाली एनसीपी का चुनाव चिन्ह घड़ी को बरकरार रखने में कामयाब रहे। 
 
अभी हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया और 48 लोकसभा सीट में से 13 सीटों पर उसके उम्मीदवार विजई हुए जब कि भारतीय जनता पार्टी केवल 9 सीटें ही जीत सकी। शिव सेना उद्धव ठाकरे ने भी 9 सीटों पर विजय प्राप्त की जबकि शिंदे गुट ने 7 सीटें जीतकर लगभग शिव सेना उद्धव गुट की कमर तोड़ दी। जब कि शरद पवार जो कि महाराष्ट्र में सबसे सशक्त नेता माने जाते हैं उन्होंने अपना वर्चस्व कायम रखा और उनकी पार्टी एनसीपी ने 8 सीटों पर विजय हासिल की जब कि उन्होंने अपने भतीजे अजीत पवार को बहुत पीछे छोड़ दिया जो केवल एक सीट ही जीत सके।
 
एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजई रहा था। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी हमेशा से शिवसेना के समर्थन से सरकार बनाती आई है लेकिन अब उद्धव के अलग होने के कारण उन्हें दूसरे साथी की आवश्यकता थी जो कि उन्हें शिंदे गुट और अजीत पवार गुट से मिला। लेकिन इस बार का विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए इतना आसान नहीं रहने वाला है। क्यों कि यदि लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस, एनसीपी और शिव सेना उद्धव ठाकरे मजबूत होकर उभरी है जबकि भारतीय जनता पार्टी 2019 के मुकाबले कमजोर हुई है।
 
यदि हम समाजवादी पार्टी की बात करें तो उसके पास महाराष्ट्र में बहुत कुछ नहीं है लेकिन फिर भी विधानसभा चुनाव में उसने 12 उम्मीदवारों की मांग रख दी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने अब तक पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है।अबू आसिम आजमी - शिवाजी नगर-मनखुर्द सीट से, रईस शेख - भिवंडी ईस्ट से रियाज आजमी - भिवंडी वेस्ट से, शान-ए-हिंद - मालेगांव सेंट्रल से तथा इरशाद जहागीरदार - धुले सिटी से चुनाव लड़ाने की घोषणा कर दी है।
 
सपा ने पांचों सीटों से मुस्लिम उम्मीदवार की घोषणा कर के इंडिया गठबंधन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। और यह कहने की कोशिश की है कि यदि उनको 12 सीटें नहीं दी गईं तो ये मुस्लिम उम्मीदवार इंडिया गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं। अखिलेश यादव और अबू आजमी की गठबंधन पर दबाव डालने की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। मुंबई की कुछ सीटों पर मुस्लिम मतों पर अबू आजमी का अच्छा खासा असर है। और इसीलिए अबू आजमी ने यह जनसभा आयोजित कराई थी कि यदि विधानसभा चुनाव में उनको 8-10 सीटें मिल जातीं हैं और यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो उन्हें मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है।
 जितेन्द्र सिंह पत्रकार 

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