परिवार सहित देश की सलामती की दुआ कर रहे अफगानी छात्र
पूरे परिवार को भारत में बुलाकर साथ साथ रहने की चाह
स्वतंत्र प्रभात
विजय पाठक
मिल्कीपुर,अयोध्या।
अफगानिस्तान देश पर तालिबान द्वारा आक्रमण कर कब जा कर ली जाने के बाद आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अध्ययनरत अफगानी छात्र अपने परिजनों की सलामती की दुआ मांग रहे हैं। इसके साथ-साथ अफगानी छात्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति सहित अधिष्ठाता एवं सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण सहित विश्वविद्यालय के करीब स्थित कुमारगंज कस्बे के स्थानीय नागरिकों के सहयोगी की भूरि भूरि प्रशंसा भी कर रहे हैं। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय में अफगानिस्तान देश के 4 छात्र अध्ययनरत है। अफगानिस्तान पर तालिबानियों द्वारा कब्जा किए जाने के बाद विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों द्वारा अपने परिजनों की सलामती को लेकर बेचैनी भी बढ़ गई है।स्वतंत्र प्रभात ने बुधवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अध्ययनरत 4 छात्रों से संपर्क किया उनका हाल जाना। इंडो अफगान फैलशिप जॉइंट प्रोग्राम के तहत आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के अचिरावती छात्रावास में तीन अफगानी छात्र मोहम्मद नबी मारूफी, रहमत गुल हसन जई एवं मुजाहिद सागीवाल तथा किसान भवन में शरीफ उल्ला दौलत जई रहकर शिक्षार्जन कर रहे हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग के शोध छात्र तृतीय वर्ष मुजाहिद सागीवाल नहीं बताया कि व अपनी पत्नी मीना तथा बेटे कुद्रतुल्लाह उम्र करीब 9 वर्ष एवं 4 वर्षीय बेटे का शिमला के साथ कृषि विश्वविद्यालय में ही रह रहे हैं देश पर आए संकट की जानकारी मिलने के बाद उन्हें मानसिक तनाव जरूर बड़ा है हालांकि उनका कहना है कि उनके परिवार के सभी 30 लोग पूरी तरह से सुरक्षित है।परिवार संयुक्त है। हालांकि परिवार घर छोड़कर अन्यत्र कहीं विस्थापित हो चुका है वह पक्तिया प्रांत के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि मानसिक रूप से उन्हें तकलीफ जरूर है। दिल और दिमाग हमेशा परिजनों की में लगा रहता है। कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत वानिकी महाविद्यालय के एन एस सी द्वितीय वर्ष के छात्र शरीफ उल्ला दौलत जई का कहना है कि विवाहित हैं तथा उनके दो बच्चे भी हैं जो उनकी पत्नी के साथ परिवार के साथ ही रहते हैं। उनका कहना है कि परिस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं जिसको लेकर वह चिंतित हैं परिवार में 7 भाई हैं जिनमें एक भाई जज है तो दूसरा भाई इंजीनियर एक भाई शिक्षक है तो अन्य भाई शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके चेहरे पर अपने देश और परिवार के प्रति चिंता का भाव साफ झलक रहा था।
उनका कहना है कि मौका मिला तो वह अपने परिवार को भी भारत में ही बुला कर साथ साथ रहने का इंतजाम करेंगे। एमएससी एजी सस्य विज्ञान के छात्र मोहम्मद नबी मारूफी पुत्र मोहम्मद इश्हाक का कहना है कि उनका 12 लोगों का परिवार है जो पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि सरकार द्वारा आत्मसमर्पण कर दिया गया है इसके चलते फन गढ़ का लड़ाई का माहौल नहीं है। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार प्राइवेट जॉब में है मानसिक तनाव जरूर है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन कुमारगंज कस्बे के हर वर्ग के लोगों द्वारा की जा रही मदद एवं सहयोग का भरोसा दिलाए जाने के बाद से थोड़ा मानसिक तनाव जरूर कम हुआ है। फल विज्ञान के एमएससी अंतिम वर्ष के छात्र रहमत गुल हसन जई ने बताया कि काबुल के रहने वाले हैं और शादीशुदा है उनकी पत्नी का नाम नाजिफा है।
परिवार में भाई बहन और मां पिता को मिलाकर कुल 9 लोग हैं परिवार के लोग अपना कंस्ट्रक्शन संबंधी व्यवसाय करते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 15 अक्टूबर तक उनका वीजा भी है। उन्होंने कहा कि समूचे घटनाक्रम को देखते हुए मानसिक तनाव जरूर है। यदि फैलोशिप पर्याप्त मात्रा में मिली और विश्वविद्यालय प्रशासन का पूरा सहयोग मिला तो वह अपने परिवार को भी भारत में ही बुलाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। अफगानी छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह तालिबानी हमले के बाद अफगान के हालात को लेकर हम लोगों से व्यक्तिगत संपर्क किया था और सारी परिस्थितियों से वाकिफ हुए थे। उनके द्वारा मदद का भरोसा भी दिलाया गया था यही नहीं विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ डी नियोगी एवं सह अधिष्ठाता डॉ एस पी सिंह का भरपूर सहयोग मिल रहा है जिनके आश्वासन और मदद के बाद कुछ पल के लिए अपने परिवार सहित देश पर आए संकट का भाव कुछ क्षण के लिए दिमाग से विलुप्त हो जाता है। छात्रों ने अपने परिजनों की सलामती के साथ अपने अफगान देश के भी सलामत की दुआ पांचों वक्त की नमाज के दौरान मांगे जाने की बात कही।
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