पुलिस ने नहीं दर्ज की रिपोर्ट पीड़ित ने ईमानदार पुलिस कप्तान से लगाई न्याय की गुहार

पुलिस ने नहीं दर्ज की रिपोर्ट पीड़ित ने ईमानदार पुलिस कप्तान से लगाई न्याय की गुहार

दंबग प्रधान ने फर्जी भुगतान का दबाव बनाते हुए रोजगार सेवक की जमकर की पिटाई, आई गम्भीर चोटों


स्वतंत्र प्रभात-

बाराबंकी।

थाना रामनगर क्षेत्र में एक ग्राम प्रधान ने फर्जी भुगतान के लिए दबाव बनाते हुए रोजगार सेवक की जमकर पिटाई करके नगदी व सोने की चैन छीनते हुए उसे जान से मारने की धमकी दिया है जिस के संबंध में पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।

मामला विकासखंड रामनगर के तकनीकी सहायक कार्यालय का है जहां पर मनरेगा के कार्य से ग्राम रोजगार सेवक ज्ञानेंद्र वर्मा गया हुआ था जिस पर वहां पहुंचे ग्राम प्रधान सुभाष चंद्र पुत्र छोटेलाल निवासी ग्राम बरगदिया मजरे अमलोरा थाना मसौली पहुंचे। रौखरिया तालाब की खुदाई में मजदूरों के भुगतान के लिए फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के लिए दबाव बनाने लगे जिस पर उसने फर्जी उपस्थिति दर्ज करने से मना कर दिया जिससे नाराज ग्राम प्रधान अपने साथी सुनील यादव ग्राम प्रधान थालखुर्द, दुर्गेश वर्मा निवासी ग्राम बरगदिया, उत्तमचंद वर्मा निवासी बरगदिया थाना मसौली, ग्राम प्रधान सिलौटा थाना रामनगर, सुधाकर वर्मा निवासी पूरेजबर थाना

मसौली, अब्दुल हमीद ग्राम प्रधान अछेछा थाना जहांगीराबाद आदि के साथ मिलकर भद्दी भद्दी गालियां देते हुए उसकी जमकर पिटाई कर दिया तथा उसके गले में पड़ी सोने 20 ग्राम की चेन व पर्स में रखे 2000 नकदी ड्राइवरी लाइसेंस व अन्य कागजात निकाल लिए उसके बाद पीड़ित ने थाना रामनगर पहुंचने पर प्रधान की राजनीतिक मजबूत पकड़ होने के चलते थाने की पुलिस द्वारा पीड़ित की रिपोर्ट भी नहीं दर्ज की गई और न ही शरीर में आई चोटों का मेडिकल कराया गया जिस के संबंध में भुक्तभोगी ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने जिलाअस्पताल पहूंचकर अपनी गम्भीर चोटों का मेडिकल कराया।

पुलिस ने क्यों की एक पक्षीय कार्यवाही

सवालों के घेरे में रामनगर पुलिस

फर्जी भुगतान को लेकर रोजगार सेवक की पिटाई सोने की चैन नगदी व कागजातों को ग्राम प्रधान द्वारा छीने जाने के मामले में थाना रामनगर पुलिस ने पीड़ित की एक भी नहीं सुनी बल्कि प्रधान की ऊंची रसूख के चलते पीड़ित के विरुद्ध ही मुकदमा पंजीकृत करके अपना पल्लू झाड़ लिया है आखिर पुलिस के पास कौन सी ऐसी मजबूरी थी जो पीड़ित को ही बलि का बकरा बना दिया जिसकी लोगों के मध्य तरह तरह की जनचर्चाए हो रही है। धरना प्रदर्शन व दबाव बनाकर क्या निर्दोष को दोषी बनाया जायेगा।

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