अवध विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज को दिया जा रहा ऑनलाइन शिक्षा

अवध विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज को दिया जा रहा ऑनलाइन शिक्षा

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पूरे भारत में समूर्ण लॉकडाउन का भारत सरकार द्वारा घोषित किये जाने के उपरान्त इसका प्रभाव समाज से जुड़े हर विभाग और वर्ग पँर पड़ा है ,इसी क्रम में डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को सत्र देर होने की चिंता सताने लगी है विशेष कर

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पूरे भारत में समूर्ण लॉकडाउन का भारत सरकार द्वारा घोषित किये जाने के उपरान्त इसका प्रभाव समाज से जुड़े हर विभाग और वर्ग पँर पड़ा है ,इसी क्रम में डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को सत्र देर होने की चिंता सताने लगी है विशेष कर के बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र एवम तृतीय वर्ष के छात्रों को ।

इनकी इस समस्या को स्वतः संज्ञान में लेते हुए विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित द्वारा संस्थान के निदेशक प्रॉफेसर रमापति मिश्र को दिशा निर्देश दिया गया कि छात्रों के समस्या का निदान हो और उनका कोर्स समय पर ख़त्म हो ताकि स्थितियां ठीक होते ही समय पर इनका सेमेस्टर की परीक्षा सम्पन हो और सत्र सुचारू रूप से चले।कुलपति के दिशा निर्देश पर निदेशक द्वारा इस समस्या का हल निकालते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी विषयों बीटेक ,एम् टेक,एमसीए, की ऑनलाइन  गूगल क्लासरूम संसथान के सभी शिक्षकों द्वारा शुरू कर दिया गया है। इसके लिए एक शिक्षक के समूह का गठन जिसमे दीपक कोरी, अवधेश,मनीषा एवम अखिलेश मौर्या है जो खुद और अन्य शिक्षकों द्वारा सम्पादित कार्य एवम छात्रों की समस्या का समाधान करने का प्रयत्न करते है।शिक्षकों द्वारा वर्क फ्रॉम होम के तहत अपने वीडियो व्यख्यान, नोट्स,प्रेजेंटेशन इत्यादि इस वर्चुअल क्लासरूम  में डाल देते हैं और देश भर में अपने घरों से आइ इ टी के छात्र अध्यपको के व्यख्यान अटेंड कर रहे है।

गूगल क्लास रूम अध्यन की एक नयी विधा है जो बहुत ही उपयोगी साबित हो रहा है।निदेसक के अनुसार छात्रों का कोर्स अब नहीं पिछड़ेगा और लॉक डाउन ख़त्म होते ही अंतिम वर्ष के छात्रों की सेमेस्टर परीक्षा की तारीख आ सकती है ।गूगल क्लास रूम से घर बैठे छात्र अपना कोर्स पूरा कर सकते है।इससे उन्हें संस्थान के खुलते ही अचानक अधिक पढ़ाई का दबाव नहीं होगा। आ इ टी के एक छात्र ने बताया कि संसथान के सभी कोर्स का कोड गूगल क्लासरूम पर बना हुआ है ,छात्रों को अपनी आईडी से लॉगिन कर सभी असाइनमेंट स्वतः प्राप्त हो जाते है।जो छात्र जिस कोर्स का है उसका एक ख़ास कोड होता है जिस पर प्रोफेसर अपने विभाग से सम्बंधित पाठ्य सामग्री डालते रहते है।प्रोफेसर मिश्र के मुताबिक गूगल क्लासरूम अन्य सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे वाट्सअप ,यूट्यूब,इ-मेल से थोड़ा खास है।दरअसल वाट्सअप और इ- मेल पँर केवल अपने विभाग का ही ग्रुप होता है जिसमे विद्यार्थी एक विषय ही पढ़ते है।

लेकिन मैथ,फिजिक्स,ऑर्गेनाइजेसनल बिहेवियर,ऑपरेशनल रिसर्च जैसे कॉमन विषय ज्यादातर छात्रों को पढ़ना होता है,इसलिए इस विषय से सम्बंधित स्टडी मैटेरियल एक साथ सभी  छात्रों को बिना मशक्कत के प्राप्त हो जाते है।इसके अलावा शिक्षकों की टीम गठित है जो यूजीसी द्वारा प्रदत्त स्वयं ऑनलाइन कोर्स,ई पी जी पाठशाला,स्वयंप्रभा,नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी , शोध गंगा,शोध सिंधु,आदि ऑनलाइन पोर्टल के प्लेटफॉर्म की मदद से पढ़ाई सुचारू रूप से जारी है।इस बीच संस्थान के शिक्षक इ0 पारितोष त्रिपाठी एवम इ0 रमेश मिश्र ,इ0 परिमल तिवारी एवम इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के छात्र शाद अहमोर द्वारा संयुक्त रूप से एक मोबाइल एप्प बनाया गया है भारत सरकार द्वारा किए गए लॉकडाउन के फैसले के बाद भी लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और बिना किसी कारण के सड़क पर घूम रहे हैं , और सड़क पर गिरोह बना कर इकट्ठा हो कर हंसी मज़ाक़ कर रहे हैं , किसी के भी समझाने पर समझने की जगह उससे बहस करते है , आप सभी के आस पास भी अगर ऐसे लोग है

तो इस एप्प की मदद से आप को ऐसे लोगों से बहस करने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं बस साधारण रूप से ऑनलाइन शिकयत कर के  हमारी पुलिस की मदद करें और लॉक्डाउन का समर्थन करें ताकि सरकार कोरोना वायरस को रोकने में सक्षम हो सके । एंड्रॉइड ऐप विकसित किया गया है, जिसके द्वारा यदि कोई लॉकडाउन प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है, तो कोई भी नागरिक इस मोबाइल ऐप द्वारा उसे रिपोर्ट कर सकता है, जिसके द्वारा पुलिस कार्रवाई कर सकती हैकरने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा । इस कार्य में संस्थान के इ0 दीपक कोरी, अवधेश, मनीषा,आशीष मौर्य सहित सभी शिक्षक संस्थान के ऑनलाइन क्लास ले रहे है

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