दो दिनों पूर्व हुए प्रतिबंधित नीम के पेड़ों की कटान को लेकर नहीं हुई कार्यवाही

बाराबंकी
वन माफिया वन विभाग और क्षेत्रीय पुलिस से सांठगांठ कर हमेशा प्रतिबंधित पेड़ों को ही अपना निशाना बनाते हैं क्योंकि उनकी वन विभाग के कर्मचारियों की बड़ी ही गहरी मित्रता है ।
मामला बाराबंकी जनपद के हरख रेंज के विकासखंड सिद्धौर के अंतर्गत थाना असंद्रा के दीन पनाह ग्राम पंचायत के रानी पुरवा के करौंदिया हार में एक वन माफिया द्वारा विभाग के कर्मचारियों से सांठगांठ करके औषधि युक्त छायादार हरे-भरे नीम के दो पेड़ों पर एक साथ निर्भीक होकर दिनदहाड़े आरा चलवा दिया गया ।
जिसकी विभाग को कानों कान भनक तक नहीं लगी और जब इसकी सूचना वन क्षेत्राधिकारी हरख को दी गई तो उनके आदेश पर कर्मचारी मौके पर पहुंचे और माफिया को बचाने की पैरवी करते हुए वन क्षेत्राधिकारी को ही भ्रमित जानकारी दे दी और कहा कि यह गांव हमारे क्षेत्र में नहीं है और रामसनेहीघाट में होने की बात कही जिस पर रामसनेहीघाट वन क्षेत्र अधिकारी से संपर्क करते हुए पुनः वन क्षेत्राधिकारी हरख को अवगत कराया गया तो वन क्षेत्र अधिकारी हरख की कड़ी फटकार के बाद वन माफिया द्वारा काटी गई लकड़ी को रेंज लाने की बात कही गई
जिस पर वन क्षेत्र अधिकारी हरख ने बताया कि हमारे कर्मचारी काटी गई प्रतिबंधित नीम की लकड़ी को गाड़ी पर लोड करवा रहे हैं रेंज लाएंगे परंतु 2 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक वह लकड़ी रेंज नहीं पहुंची और वन क्षेत्राधिकारी के कथन अनुसार यह सिद्ध होता है कि इन्हें के कर्मचारी गाड़ी पर लकड़ी लोड करवाने के बाद ऐसा तो नहीं कि जैदपुर में संचालित हो रही आरा मशीनों पर इस लकड़ी को बेंच दिए हो रेंज को लकड़ी क्यों नहीं पहुंची और क्यों कार्यवाही नहीं की गई यह तो बड़ा सवाल है।
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