HEC के 200 से अधिक कर्मचारियों ने दिया जंतर-मंतर पर धरना

रांची: (21 सितंबर) गुरुवार झारखंड की राजधानी रांची स्थित सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी (पीएसयू) हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के 200 से अधिक कर्मचारियों ने इसके पुनरुद्धार और लंबित वेतन की मांग को लेकर गुरुवार (21 सितंबर) को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया.
धरने में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की राज्यसभा सदस्य महुआ माजी मौजूद थीं. उन्होंने बुधवार (20 सितंबर) को राज्यसभा में एचईसी में 18 महीने से लंबित वेतन का मुद्दा उठाया था. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने महुआ माजी से अपने बयान साबित करने को कहा. माजी ऐसा करने को तैयार हो गईं.
महासचिव अजय सिंह ने गुरुवार को कहा, ‘वह (महुआ माजी) सुबह आईं और एचईसी कर्मचारियों की मांगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की. हमने उन्हें 2022 में राज्यसभा की संसदीय समिति की सिफारिश और 2017-18 में संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों के दस्तावेजी साक्ष्य प्रदान किए. उन्होंने इसे बाद में राज्यसभा सचिवालय को सौंप दिया.’
सिंह ने आगे कहा कि संसदीय समिति ने पिछले साल सिफारिश की थी कि मंत्रालय एचईसी की स्थिति में सुधार के लिए ठोस प्रयास करे और जरूरत पड़ने पर इसके लिए अतिरिक्त फंड मांगे. इस प्रदर्शन में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कई नेता मौजूद थे.
एचईसी के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने दावा किया है कि उन्होंने इसरो के दूसरे लॉन्चिंग पैड के कई हिस्सों का निर्माण किया है, जिसका इस्तेमाल चंद्रयान-3 के लिए किया गया था.
एचईसी के इंजीनियरों ने 400/60 ईओटी (इलेक्ट्रिक ओवरहेड ट्रैवलिंग) क्रेन, 200/30टी ईओटी क्रेन, 10 टन हैमरहेड टावर क्रेन, एफसीवीआरपी (फोल्डिंग कम वर्टिकल रिपोजिशनेबल प्लेटफॉर्म), क्षैतिज स्लाइडिंग दरवाजा और इसरो के मोबाइल लॉन्चिंग पेडस्टल का निर्माण किया था.
जुलाई महीने में भी चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के ठीक बाद हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के इंजीनियरों को वेतन न दिए जाने का मुद्दा उठाया था. रांची के धुर्वा इलाके में स्थित एचईसी भारी उद्योग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है.
करीब 2,700 कर्मचारियों और 450 अधिकारियों को पिछले 14 महीनों से वेतन नहीं मिला है. कंपनी के अधिकारियों को पूरे साल और कर्मचारियों को आठ-नौ महीने से वेतन नहीं मिला है.
इसमें कहा गया था कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रक्षा मंत्रालय, रेलवे, कोल इंडिया और इस्पात क्षेत्र से 1,500 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने के बावजूद 80 फीसदी काम धन की कमी के कारण लंबित है.
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel

खबरें
शिक्षा

Comment List