गोरखपुर पुलिस में भूचाल: SSP गौरव ग्रोवर के 'सर्जिकल स्ट्राइक' से लापरवाह अफसरों में हड़कंप!
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गोरखपुर- "रात गई, बात गई" का जमाना अब गोरखपुर पुलिस में खत्म हो चुका है! देर रात तक चैन की नींद सो रहे पुलिस महकमे को उस वक्त जोरदार झटका लगा, जब SSP गौरव कुमार ग्रोवर ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए चार दरोगाओं और तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया। यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और पूरे विभाग में भूचाल आ गया। एक चौकी इंचार्ज समेत सात पुलिसकर्मियों पर गिरी इस सख्ती की गाज ने साफ कर दिया कि अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
पहला निशाना:
चौकी इंचार्ज उदयभान सिंह सबसे पहले निशाने पर आए कैंट थाना क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी प्रभारी उदयभान सिंह। SSP के रडार पर उनकी कार्यशैली पहले से थी। कर्तव्यों में "गंभीर लापरवाही" का ठप्पा लगते ही उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच का तड़का भी लगा दिया गया। सूत्रों की मानें तो उदयभान की कुर्सी पहले से ही डगमगा रही थी, और SSP ने आखिरकार उसे उखाड़ ही फेंका।
गोला से चौरी चौरा तक:
लापरवाही की सजा अगला नंबर था थाना गोला के उप निरीक्षक अजय कुमार का। उनकी "सुस्ती" और "उदासीनता" SSP के सब्र का इम्तिहान ले रही थी। शिकायतों का ढेर लगने के बाद आखिरकार SSP ने उन्हें भी सस्पेंड कर दिया। वहीं, चौरी चौरा थाने में तैनात उप निरीक्षक रामगिरिश चौहान और सिपाही कृष्ण कुमार गौड़ भी अनुशासनहीनता के जाल में फंस गए। दोनों को निलंबन का दंड मिला,
बेलघाट में तिहरा झटका
थाना बेलघाट में तो मानो SSP ने "सर्जिकल स्ट्राइक" कर दी। उप निरीक्षक गोपाल यादव, सिपाही विमलेश यादव और अनिल कुमार पाण्डेय तीनों को एक साथ निलंबित कर दिया गया। इन पर ड्यूटी में कोताही और स्वेच्छाचारिता का इल्जाम लगा। विभागीय जांच के तीर इनके ऊपर भी छोड़ दिए गए हैं।पुलिस में खलबली, जनता में खुशी SSP की इस बिजली-सी तेज कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। अफसरों के चेहरों पर पसीना और कुर्सियों में कंपन साफ देखा जा सकता है।
दूसरी ओर, आम जनता इसे "पुलिस सुधार" की दिशा में मास्टरस्ट्रोक बता रही है। लोगों का कहना है कि गौरव ग्रोवर का यह कड़ा रुख गोरखपुर पुलिस को नई ताकत देगा।
SSP का सख्त संदेश: "लापरवाही बर्दाश्त नहीं"
सूत्रों की मानें तो SSP गौरव ग्रोवर ने साफ लफ्जों में चेतावनी दी है— "ड्यूटी में ढील देने वाले किसी भी अफसर या सिपाही को बख्शा नहीं जाएगा।" उनका यह एक्शन प्लान गोरखपुर पुलिस को "सख्ती के मोड" में लाने का संकेत दे रहा है। माना जा रहा है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और आगे भी लापरवाहों पर गाज गिर सकती है।
अब क्या?
गोरखपुर पुलिस में यह "भूकंप" कब तक थमेगा, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन एक बात साफ है ,- SSP गौरव ग्रोवर के इस तूफानी तेवर ने लापरवाह अफसरों की नींद उड़ा दी है। क्या यह कार्रवाई पुलिस में नई जान फूंकेगी, या फिर यह सिर्फ एक अस्थाई हंगामा साबित होगा? जवाब के लिए गोरखपुर की नजरें अब SSP के अगले कदम पर टिकी हैं!
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