सड़कों पर भ्रष्टाचार की उधड़ती परतें

उन्नाव।
लोक निर्माण विभाग द्वारा उन्नाव रायबरेली मार्ग से संपर्क निर्माणाधीन सड़क सैदपुर के मानक के विपरीत कार्य पर अधीक्षण अभियंता पी डब्लू डी सुभाष चंद्र ने मंगलवार को मौके पर जाकर निरीक्षण किया था इस दौरान जहां मिट्टी पर डाले गए डामर को उखाडते हुए लोगों द्वारा वीडियो वायरल किए गए थे वहां पर काम दोबारा करने के निर्देश एस ई ने ठेकेदार को दिए थे।
जिस पर बुधवार से पुनः काम शुरू होने की जानकारी मिली अधिशासी अभियंता पी डब्लू डी हरदयाल अहिरवार ने बताया की उधड़ी हुई सड़क के हिस्से में तारकोल व गिट्टी डालकर काम कराया जा रहा है। वहीं लोगों में इस बात की चर्चा है कि सत्ता के संरक्षण और विभाग की सांठ गांठ से सड़क की ऐसी दुर्दशा हुई जिस पर हम लोगों को मजबूर होकर आवाज उठानी पड़ी। जिस पर एस ई के निर्देश पर सड़क के नवीनीकरण में हुई गड़बड़ियों पर पूर्ण सुधार होगा इसकी उम्मीद भी लोग कम ही लगा रहे हैं।
उक्त मामले में लगातार सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो वायरल किए जा रहे हैं। लगातार ग्रामीणों के आरोपों के साथ वीडियो वायरल हो रहे हैं इसके बावजूद लोक निर्माण विभाग मानकों के साथ खिलवाड़ हुआ है इस बात को मानने को तैयार नहीं है। वहीं लोगों में इस बात की चर्चा रही की सड़क पर इतना भ्रष्टाचार उजागर करने के बावजूद मानक के साथ अनियमितता बरतने वाले ठेकेदारों के ऊपर कार्यवाही तो दूर विभागीय अधिकारी भ्रष्टाचार की परतें उधड़ती देख भी मानक के विपरीत कार्य होने की बात मानने को तैयार नहीं है। जिससे यह साफ जाहिर होता है की सब सेटिंग गेटिंग का खेल है।
वहीं दूसरी ओर सड़क में हुए भ्रष्टाचार का एक नया वीडियो वायरल हो रहा है। मामला सफीपुर विधानसभा का बताया जा रहा है।आपको बता दें कि मामला सफीपुर विधानसभा औरास ब्लॉक के चकसुनौरा- शिवराज खेड़ा मार्ग, 2 किमी. नवीनीकरण के लिए खंड 1 पी डब्लू डी से पास हुआ था। सड़क निर्माण में ऐसा भ्रष्टाचार हुआ कि गिट्टी के ऊपर डामर नाम की चीज ही नहीं है। अधिकारियों द्वारा गड्ढा मुक्त करने की जगह सड़क को गड्ढा युद्ध कर दिया गया है। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है जनता ने ठेकेदार सहित अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। कहा मात्र बीस दिन पहले बनी सड़क का ये हाल है तो पुरानी सड़कों का क्या हाल होगा। पी डब्लू डी खंड एक के जे ई महेश सिंह से जानकारी करने पर बताया गया कि की सड़क उखड़ गई है तो ठीक करा दी जाएगी।
जहां आज प्रदेश में योगी सरकार जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करने का दावा कर रही है वही अधिकारी व जनप्रतिनिधि योगी की मंशा पर पानी फेरने का काम करने से बाज नहीं आ रहे है। जहां योगी सरकार प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का काम करने का दावा कर रही है। वहीं अफसरशाहों की लीपापोती और ठेकेदारों से सेटिंग गेटिंग के खेल ने सड़कों को गड्ढा युक्त बने रहने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। देखना होगा कि जनपद में सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर शासन प्रशासन के आला अधिकारी कितना संजीदा हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही करते हैं क्योंकि सड़कों की ऐसी दुर्दशा जनपद में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बुरा असर डाल सकती है।
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