अहिरौली पुलिस की नींद समय रहते खुली होती तो नहीं होती ऐसी घटना
अहिरौली पुलिस हर बार शिकायती पत्र पर करती रही वसूली, अपराधी को दे रखी छूट
स्वतंत्र प्रभात
अंबेडकरनगर। अहिरौली पुलिस ने पहले तो मुकदमा नहीं लिखा जब मामला खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया तो महिला की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर अपना गला बचा लिया।
पूरा मामला अहरौली थाना क्षेत्र के संग्रामपुर गांव का है।
पीड़िता संगीता तिवारी ने 23 अगस्त को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया था कि उसके घर के बगल गोबर विपक्षीगढ़ रंजिश को लेकर फेंकते हैं जिससे उसके घर का वातावरण दूषित होकर गंभीर बीमारी फैलने की प्रबल संभावना बढ़ रही है मना करने पर विपक्षी घर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं तथा विपक्षी मनोज का पुत्र शिवम उसके दामाद की मोबाइल पर अवैध असलहों का फोटो भेज कर दहशत फैलाने का काम किया था तत्समय पुलिस ने पीड़िता की शिकायती पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं किया था बाद में उसके जेठ बब्बर तिवारी को विपक्षी गणों ने रास्ते में रोक कर चार पहिया वाहन जिसका नंबर यूपी 32 एंटी 2697 में सवार 3 से 4 लोग उतारकर गाली गलौज करते हुए उसके साथ मारपीट किए थे। जिस मामले में भी 27 अक्टूबर को शिकायती पत्र देने पर अहिरौली पुलिस हाथ पैर हाथ धरे बैठी रही। पुलिस कुंभकर्णी नीद में सोती रही विपक्षी से मोटी रकम वसूल अपराध को बढ़ावा देने के लिए खुली छूट दे दिया। उसको क्या पता मामला इतना गंभीर हो जाएगा।
विपक्षीगण तीसरी बार थानाध्यक्ष की मिलती शह पर फिर कहर बनकर टूट पड़े जिसमें युवती समेत एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। जीवन और मौत से जूझ रही दोनों घायलों को इलाज के लिए कटेहरी सीएचसी भर्ती कराया गया। जिनकी हलाल गंभीर देख चिकित्सको ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। तब जाकर अहिरौली पुलिस की नींद खुली। परिजनों का आरोप था तत्समय पुलिस ने रात में एक अरोपी को गिरफ्तार कर थाने ले गई थी। रात में ही पैसा लेकर छोड़ दिया था। अपना गला फसते देख तीसरी बार थानाध्यक्ष ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर वाहवाही लूट लिया। जबकि दो बार जब शिकायती पत्र दिया गया था उस समय अगर थानाध्यक्ष ने मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही किये होते तो आज इतनी बड़ी घटना नही होती।
फिरहाल पुलिस ने नीरज तिवारी, मनोज तिवारी, शिवम तिवारी, शशि तिवारी, पूनम तिवारी के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अपना बचाव कर लिया है।
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