अमेरिका में सख्त वोटिंग नियम के बाद वहां ट्रम्प जीते 

वहां कमला हारीं; 9 राज्यों में जहां ID कार्ड जरूरी, अप्रवासियों से डेमोक्रेटिक पार्टी को फायदा

अमेरिका में सख्त वोटिंग नियम के बाद वहां ट्रम्प जीते 

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को ऐतिहासिक जीत मिली है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद वे पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो 4 साल के अंतर के बाद सत्ता में लौटे हैं। ट्रम्प ने जीत के बाद कहा कि वे अमेरिका में सभी स्विंग स्टेट्स को जीतकर इतिहास बनाने जा रहे हैं। ​​​​​​

ट्रम्प ने इन चुनावों में 7 स्विंग स्टेट्स में 5 में जीत हासिल की है और बाकी 2 राज्यों में (नेवादा और एरिजोना) में मजबूत बढ़त बनाई हुई है। इतनी बड़ी जीत के बावजूद ट्रम्प एक भी ब्लू स्टेट नहीं जीत पाए हैं।

स्विंग स्टेट्स उन राज्यों को कहा जाता है जहां दोनों उम्मीदवारों के बीच वोटों का अन्तर काफी कम रहता है और ये किसी भी ओर जा सकते हैं। ब्लू स्टेट वो राज्य हैं, जहां कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रभाव है। वहीं ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को वोट करने वाले राज्यों को रेड स्टेट कहा जाता है।

1. अवैध अप्रवासियों का प्रभाव

कमला हैरिस ने जिन 20 राज्यों में जीत हासिल की है, उनमें 4 ऐसे राज्य शामिल हैं जहां सबसे ज्यादा अवैध अप्रवासियों की आबादी रहती है। सबसे ज्यादा अवैध अप्रवासियों की आबादी वाले कुल 6 राज्यों में से ट्रम्प केवल 2 राज्य जीत पाए।

ट्रम्प के कार्यकाल में अवैध अप्रवासियों की संख्या में कमी आई थी। वहीं दूसरी तरफ जो बाइडेन के राष्ट्रपति रहते हुए इनकी आबादी में इजाफा हुआ है। प्यू रिसर्च के डाटा के मुताबिक, 2016 में जब ट्रम्प पहली बार राष्ट्रपति बने थे तब अमेरिका में अवैध अप्रवासियों की कुल संख्या करीब 1.17 करोड़ थी। वहीं जब ट्रम्प ने 2021 में जब पद छोड़ा तो ये मामूली गिरावट के साथ कम होकर 1 करोड़ थी।

ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी का अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कड़ा रुख रहा है, इसलिए अप्रवासी आबादी कमला हैरिस को वोट देते हैं। कमला के उप-राष्ट्रपति रहते हुए जिन राज्यों में अवैध अप्रवासी सबसे ज्यादा बढ़े, वे सभी राज्य कमला ने जीते हैं।

फिर बाइडेन के कार्यकाल में अवैध अप्रवासियों की आबादी 1 करोड़ से बढ़कर करीब 2 करोड़ पहुंच गई। केवल कैलिफोर्निया इकलौता ऐसा राज्य है जहां अवैध अप्रवासियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई। हालांकि, कैलिफोर्निया अभी भी सबसे ज्यादा अवैध अप्रवासियों वाला राज्य है।

प्यू रिसर्च के मुताबिक ट्रम्प के कार्यकाल में अवैध रूप से अमेरिका आने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी न होने के दो सबसे बड़े कारण हैं -

पहला है मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाया जाना और दूसरा मैक्सिको के अप्रवासियों का वापस चले जाना। दरअसल अमेरिका में अवैध अप्रवासियों में सबसे ज्यादा मैक्सिको की आबादी है। 2022 में ये अप्रवासियों की कुल आबादी का 37% थे। अमेरीका में अवैध अप्रवासियों के मामले में भारत तीसरे नंबर पर आता है। अमेरिका में भारतीय मूल के कुल 7 लाख 25 हजार अवैधअप्रवासी हैं।

2. वोटर ID की अनिवार्यता

जिन 20 राज्यों में कमला हैरिस को जीत मिली है, वे सभी ऐसे राज्य हैं जहां वोट डालने के लिए किसी फोटो-वोटर ID की जरूरत नहीं पड़ती। यहां बिना फोटो-वोटर ID के वोट डाला जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ ट्रम्प ने ऐसे 9 राज्य जीते हैं। दरअसल, अमेरिका में चुनाव की व्यवस्थाएं और उसके नियम राज्यों के अधीन आते हैं। इसलिए अलग-अलग राज्यों में चुनाव से जुड़े नियम अलग हैं। अमेरिका के कुल 50 राज्यों में केवल 9 राज्य ऐसे हैं जहां वोट डालने के लिए फोटो वोटर ID अनिवार्य है। इनमें से किसी में भी कमला को जीत नहीं मिली है।

सवाल यह है कि 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का नारा लेकर सत्ता में वापसी कर रहे ट्रम्प के साथ भारत के संबंध कैसे होंगे।

ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने का असर भारत के निर्यात पर देखने को मिल सकता है। इसकी बड़ी वजह यह है कि ट्रम्प भारत को टैरिफ किंग यानी अमेरिकी सामान पर ज्यादा टैक्स लगाने वाला देश बताते रहे हैं।ट्रम्प ने पहले कार्यकाल में H1-B वीजा के नियम बदले थे। नए नियमों में विदेशी कर्मचारियों के लिए तो सैलरी तो अमेरिकी कर्मचारियों के बराबर रखी, लेकिन प्रवासी कामगारों पर कई शर्तें भी लगा दीं। इसके चलते ट्रम्प के पहले कार्यकाल में H1-B वीजा एप्लिकेशन को नकारने की दर बढ़ गई थी। नियमों के चलते वीजा प्रॉसेस पूरी होने का टाइम भी बढ़ गया था।

 

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