चुनौती : प्राकृतिक संपत्ति लूटने वाले बालू खनन माफियाओं पर कार्यवाही कब..?
अवैध बालू खनन माफियाओं के संपत्ति की हो जांच !
अवैध खनन का फाइल फोटो
कुशीनगर। जिले के खड्डा तहसील के बॉर्डर क्षेत्र कटाई भरपुरवा गंडक रेता क्षेत्र की प्राकृतिक संपत्ति लूटने वाले बालू खनन माफियाओं पर कार्यवाही कब तक सुनिश्चित होगी यह संशय के बादल कब छटेगा जो कि यह एक बड़ी चुनौती बन गया है।
विदित हो कि कटाई भरपुरवा गंडक नदी रेता क्षेत्र में बालू खनन माफियाओं के गैंग का सदस्य जटहां बाजार, एकवन्ही उर्फ भागवतपुर पड़रही जरार आदि चौक चौराहों पर रात में छिप कर अधिकारियों के आने जाने की गतिविधि पर काम करते हैं, अधिकारियों की भनक लगते ही दूसरे तरफ गंडक नदी में खनन पर काम करने वाले गिरोह को मोबाइल फोन घुमा देते हैं जो समय रहते ट्रैक्टर ट्राला, झांगा लेकर फरार हो जाते है और अधिकारी बैरंग लौट जाते हैं।
बीते दो माह से चोरी छिपे रात में अवैध खनन कारोबार कर नाजायज तरीके से धन लूटने का धंधा चरम पर चल रहा है, इस कारोबार में खादी और खाकी की पाशा पर कुछ कहना तुरुप की पत्ते के समान होगा।
फाइल फोटो
बताते चलें कि नाजायज तरीके से एक ट्राला अवैध बालू छः से सात हजार रुपए में बेचते हैं, एक रात में एक ट्रैक्टर वाले चार से पांच चक्कर लगाते हैं जिसमें कम से कम एक दर्जन ट्रैक्टर ट्राला, झांगा शामिल है। इस प्रकार मैसेज आम से खास तक दौड़ रही है, बावजूद इन माफिया पर जिम्मेदार विभाग फिदा है।
खड्डा तहसील के अधिकारी भी बालू खनन माफियाओं का खेल जानकर भी चुपचाप अंजान बने हुए है। इसका लाभ माफिया गिरोह नाजायज तरीके से प्राकृतिक संपत्ति की लुटपाट कर उत्तर प्रदेश सरकार का करोड़ो रुपए राजस्व की चुना लगा कर अपना जेब भर रहे हैं। आखिरी सवाल क्या नाजायज कारोबार पर कब तक लगाम लगाई जाएगी और बालू खनन माफियाओं पर नकेल कसने का काम कब तक शुरू होगा ?
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