लाल खुन की काली कमाई : रक्तदान शिविर के बहाने लोगों का रक्त लेकर मंहगे दामों पर बेच रहे है निजी ब्लड बैंक ​​​​​​​

लाल खुन की काली कमाई : रक्तदान शिविर के बहाने लोगों का रक्त लेकर मंहगे दामों पर बेच रहे है निजी ब्लड बैंक ​​​​​​​

 रक्त के अवैध धंधे मे अफसरशाही से लेकर सफेदपोश नेताओं तक जाता है अवैध कमाई का मोटा कमीशन


स्वतंत्र प्रभात 

 भगवत कौशिक महम   हरियाणा मे अवैध रूप से रक्त बेचने वाला गिरोह दिन प्रतिदिन अपने पैर पसार रहा है।रक्त के अवैध सौदागर अपने मुनाफे के लिए ना केवल लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे है अपितू समाजसेवा के नाम पर लोगों को बरगला कर सरकार और स्वास्थ्य विभाग को खुल्लेआम चुनौती दे रहे है।रक्त के इन अवैध दलालों के पीछे जहां प्रदेश के कई बडे छोटे निजी अस्पतालो के साथ साथ अफसरशाही और राजनैतिक आकाओं का हाथ भी शामिल है।जिसके कारण ये आसानी से अवैध रक्त का धंधा चला रहे है।आपको बता दे कि कुछ लोग व संगठन समाजसेवा के नाम पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करते रहते है,लेकिन अब ज्यादातर संगठनों व तथाकथित समाजसेवकों ने इसे अपनी काली कमाई का जरिया बना लिया है।रक्तदान शिविर के बहाने फ्री मे लोगों से रक्तदान करवाकर उसी रक्त को निजी अस्पतालों मे मंहगे दामों पर मरीजों को बेचकर मोटी कमाई करते है।इस कमाई का हिस्सा अफसरशाही से लेकर सत्ता मे बैठे सफेदपोश लोगों तक जाता है ताकि रक्त के सौदागरों के काम मे रूकावट ना आए

वैसे तो हरियाणा के कई निजी ब्लड बैंको पर अवैध रक्त के मामले को लेकर कार्यवाही हो चुकी है लेकिन उपर तक पहुंच और पैसो मे सांठगांठ कर ये दोबारा से अपना धंधा शुरू कर देते है।इसी कडी मे रक्त की अवैध दलाली का नया मामला रोहतक के महम कस्बे मे देखने को मिला।जहां बिना किसी परमिशन के रक्तदान शिविर लगाकर रक्त लिया जा रहा था।हैरानी की बात तो ये है कि रक्तदान करवाने के लिए झज्जर के एक निजी ब्लड बैंक की वैन महम के भिवानी स्टेंड पर आकर खडी हो गई और वैन मे सवार टीम के सदस्य लोगों को रक्तदान करने के लिए कहने लगे।देखते ही देखते लोगों समाजसेवा के लिए रक्तदान करने लगें।जब इस बात की भनक बाबा श्याम फाउंडेशन सीसर खास के सदस्यों को लगी तो उन्होंने मौके पर जाकर जांच की तो पाया की बिना परमिशन के रक्त लिया जा रहा है।संस्था के प्रधान अमन कुमार ने इसकी शिकायत

एस एस ओ शिवानी मान से करने पर स्वास्थ्य निरिक्षक सुनिल अहलावत की टीम ने छापा मारा तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए।ब्लड बैंक की टीम से पुछताश करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।इसके अलावा ब्लड बैंक की टीम बिना किसी जांच के लोगों का रक्त एकत्रित करती पाई गई।यहा तक कि रक्तदान से पहले जरूरी सामान्य जांच बीपी, ब्लड ग्रुप, रक्त की मात्रा आदि की जांच भी नहीं की जा रही थी।इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम दवारा ब्लड बैंक दवारा एकत्रित रक्त को कब्जे मे लेकर आवश्यक कार्यवाही कर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया।
 

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