अवैध तरीकों से न जाएं विदेश, धोखाधड़ी से बचें : डॉ. चौहान

अवैध तरीकों से न जाएं विदेश, धोखाधड़ी से बचें : डॉ. चौहान

अवैध तरीकों से न जाएं विदेश, धोखाधड़ी से बचें : डॉ. चौहान


विदेश जाने के बढ़ते क्रेज पर असंध के युवाओं से बातचीत

करनाल।

 विदेश जाकर खूब सारा धन कमाना और रातों-रात अमीर बन जाने की चाहत अपने साथ कई मुसीबतें भी लाती है। पढ़ाई और कमाई के लिए युवाओं को विदेश भेजने का कारोबार करने वाले कई संस्थान बाजार में मौजूद हैं। इनमें से कई संस्थान फर्जीवाड़ा करने में संलिप्त हैं। युवाओं से भारी भरकम रकम ऐंठ कर उन्हें अवैध तरीकों से विदेश भेज देते हैं जहां युवाओं को कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए युवाओं को विदेश जाने के लिए वैध तरीकों का ही सहारा लेना चाहिए। यह बात हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने ग्रामोदय वार्ता के दौरान विदेश जाने के इच्छुक युवाओं को उचित परामर्श देने वाली एक संस्था 'रेड लीफ' के संचालकों से बातचीत में कही। डॉ चौहान ने कहा कि विदेश जाने की होड़ में धोखाधड़ी की आशंका भी अक्सर बनी रहती है। युवा अक्सर गलत हाथों में पड़ कर अपना ध्यान और भविष्य बर्बाद कर बैठते हैं।

भाजपा प्रवक्ता डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि इस समस्या से उचित परामर्श और विदेश जाने का वैध चैनल विकसित करके ही निपटा जा सकता है। रेड लीफ एजुकेशन एंड इमीग्रेशन सेंटर का शुभारंभ इसी दिशा में उठाया गया एक सार्थक कदम है। उन्होंने सेंटर के निदेशक रणदीप राणा से पूछा कि इमीग्रेशन के कारोबार में  रेड लीफ अन्य संस्थानों से किस प्रकार भिन्न होगा ? इस पर रणदीप ने बताया कि अन्य केंद्रों का दौरा करने पर पता चला कि बाहर जाने के इच्छुक युवाओं की अच्छी खासी संख्या है। वैध तरीकों की जानकारी न होने के कारण कई बच्चे डोंकी मार्ग से विदेश जा रहे हैं। यह बहुत गलत तरीका है और इसमें दुर्घटना की आशंका बहुत ज्यादा होती है। विदेश जाने के लिए बच्चों को lउचित परामर्श देने के उद्देश्य से ही इस संस्था का शुभारंभ किया गया है। आईईएलटीएस की परीक्षा उत्तीर्ण होना विदेश जाने का सबसे अच्छा माध्यम है। गलत माध्यम से जाने पर युवाओं को विदेशों में दिहाड़ी मजदूरों का काम करना पड़ता है। इसमें उनका धन और भविष्य दोनों बर्बाद होता है।

विदेश जाने की सही विधि क्या है? डोंकी माध्यम आखिर है क्या? डॉ. चौहान के इस सवाल पर नरेंद्र राहडा ने बताया कि नदी नालों, जंगल और पैदल रास्तों से अवैध घुसपैठियों की तरह लुकछुप कर विदेश जाने को डोकी मार्ग कहते हैं। रेड लीफ का मकसद युवाओं को देश जाने का सामानजनक तरीका बताना है।

चर्चा में जुड़े सुरेंद्र राणा ने बताया कि रेड चीफ एजुकेशन एंड इमीग्रेशन सेंटर खोलने का विचार युवाओं की समस्याओं को देखकर आया। भारत में रोजगार के सीमित साधन और कृषि भूमि के घटते आकार के कारण रोजगार के अन्य विकल्पों को तलाशना युवाओं की मजबूरी बन गई है। विदेश जाने का क्रेज इसलिए बढ़ रहा है। ऐसे में उन्हें उचित परामर्श देना जरूरी है।

सुखदेव बिलोना ने कहा कि डोकी माध्यम से बच्चों को चोरी छुपे विदेश ले जाया जा रहा है। पकड़े जाने पर अपने युवाओं को विदेश की जेलों में समय काटना पड़ता है। पिछले दिनों अवैध घुसपैठियों की एक जहाज समुद्र में डूब गया था। मोहित राणा ने कहा कि रेड लीफ असंध और इसके आसपास के क्षेत्र के युवाओं के लिए बहुत अच्छा संस्थान है। अंकुश राणा ने भी इस बात से सहमति जताते हुए कहा कि रेड लीफ सेंटर बहुत सोच समझकर खोला गया है और गांव के युवाओं को इसका लाभ जरूर उठाना चाहिए। चर्चा में जुड़े टिंकू रोजड़ा ने भी युवाओं को सलाह देते हुए कहा कि युवा आई ई एल टी एस कंप्लीट करने के बाद ही विदेश जाने की सोचें।

डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि अगर सही मार्गदर्शन नहीं मिला और आपने चीजों को कायदे से नहीं समझा तो भटकने की संभावना ज्यादा रहेगी। तरक्की के रास्ते में गंभीर संकट आ सकते हैं। इसलिए, धन की कोरी चाह में झूठी राह न अपनाएं। उन्होंने युवाओं से निकाय चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग देने की अपील करते हुए कहा कि युवा मतदान अवश्य करें। सबसे बेहतरीन प्रत्याशी को मत दें और अपने परिवार एवं पड़ोसियों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
 

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