aaj ka sahitya
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Read More... संजीव-नी।
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By Swatantra Prabhat Desk
ईमानदारी और ईमानदार। हां सचमुच यह सच है, कि वह इमानदार है यह भी सच है वह गरीब और फटे हाल है, आपदाओं से घिरा हुआ, आफतों का साथी, परेशानियां उसे छोड़ती नहीं, पर वह परेशान नहीं, मायूस भी नहीं,...
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By Swatantra Prabhat Desk
कविता मेरा अज़ीज़ निकला मेरा ही कातिलकभी खँजर बदल गये कभी कातिल ।शामिल मै किश्तों में तेरी जिंदगी में,कभी ख़ारिज किया कभी शामिल।बड़े दिनों बाद रौशनी लौटी है शहर में,आज रूबरू हुआ यारों मेरा कातिल।...
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By Swatantra Prabhat Desk
क्योंकि आज उसने खाना नहीं खाया|क्योंकि आज हरिया ने खाना नहीं खाया,हथौड़े की तेज आवाज से भी तेज,मस्तिष्क के तंतु कहीं तेजी सेशून्य में विलीन हो जाते,फिर तैरकर,वापसी की प्रतीक्षा किए बिना,आकर वापस...
Read More... संजीव-नी।
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By Swatantra Prabhat UP
महिला शक्ति को प्रणाम। कम ना समझो महिलाओं की शक्ति को, मां दुर्गा के प्रति इनकी भक्ति को। नारी के जीवन के कई आयाम करते उनको नमन और प्रणाम। दुश्मनों का नाश करती मां भवानी अलौकिक अद्भुत है नारी हिंदुस्तानी।...
Read More... संजीव-नी|
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By Swatantra Prabhat UP
उजालों में जो दूर से लुभाते हैं| उजालों में जो दूर से लुभाते हैं, रात को वो ही ख़्वाबों में आते हैं | कोई कतई मज़बूरी नहीं आदत है, हम तो सदैव ग़मों में भी मुस्कुरातें हैं| तेरा तसव्वुर पानें...
Read More... संजीव-नीl
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By Swatantra Prabhat Desk
चिरागों तुम सूरज बन जाना।गर्दिश में संग न छोड़ देना,या खुदा मेरी राहें मोड़ देना।ढेरों तुम फेखो,मुझे आता है,पत्थरों को भी निचोड़ देना।ऐ चिरागों कभी सूरज बन कर,आंधियों को भी झिंझोड़ देना,जुल्म की...
Read More... गर्माहाट
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By Swatantra Prabhat Desk
गर्माहाट बहुत अच्छा लगता है न तुमको जीवों को पका कर स्वाद से खाना। प्रकृति भी तो पका रही हैं अब तुमको सूर्य की तप्त किरणों में। उसको भी तो थोड़ा स्वाद आना चाहिए तुम क़ो रुलाने में। बहुत अच्छा...
Read More... संजीव-नी।
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By Swatantra Prabhat Desk
खुशियों के छोटे पल ।छोटे छोटे पल खुशिया दे जाते है,चाहत,कामना,मायुषी दे जाते है।लालच हमेशा बुरी बला ही रही,परोपकार के पल सुख दे जाते है।ख्याति,धन बहुत कुछ हो सकते है,शांति के दो पल जिंन्दगी...
Read More... साहित्य अध्ययन और मनन जीवन की श्रेष्ठता का उचित माध्यम।
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By Office Desk Lucknow
साहित्य अध्ययन, उन्नयन मनुष्य के जीवन में उत्कृष्टता का आधार होता है।साहित्य सदैव मनुष्य के जीवन में संवेदना, संवेदनशीलता एवं मानवता लाने का सकारात्मक कार्य करता है। हमारा साहित्य, भाषा, हमें आत्मिक गौरव का सदैव अभिभाष कराती है। इसीलिए जीवन...
Read More... 'एक देश एक चुनाव' का विरोध क्यों ?
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By Swatantra Prabhat Desk
स्वतंत्र प्रभात जितेन्द्र सिंह पत्रकार एक देश एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सौंप दी है। लाजमी है कि जब कोई नया प्रयोग होता है यह...
Read More... बढ़ती हुई जीडीपी – टांट पर मखमल
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By Swatantra Prabhat UP
रंजन कुमार सिंह बहुत दिनों से सुनता आया हूं कि हमारी जीडीपी बढ़ रही है। यह सुनकर खुश भी होता रहा हूं कि हमारी जीडीपी बढ़ रही है। इस बात पर भी गर्व होता रहा है कि अब हम दुनिया...
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