तहसील न्यायालय में होने वाली अनावश्यक हड़ताल के खिलाफ पड़ी मा० उच्च न्यायालय में जनहित याचिका जल्द तय होंगे नए नियम
On
माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में अधिवक्ता उच्च न्यायालय आशुतोष सिंह एवं अवधेश मिश्रा की अगुवाई में एक जनहित याचिका (अंबरीश द्विवेदी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य) जनहित याचिका संख्या 636/2024 दाखिल की गई है जिसमें जनपद हरदोई के तहसील सवायजपुर में प्रेक्टिस करने वाले तहसील अधिवक्ता के आए दिन हड़ताल के कारण न्याय में देरी व रुकावट से संबंधित है उक्त याचिका में याचिका करता कि अधिवक्ता द्वारा न्यायमूर्ति महोदय का ध्यान केंद्रित करने ज्ञात हुआ की 1 वर्ष में हड़ताल के कारण कुल 146 कार्य दिवसों का नुकसान हुआ जो की बहुत ही चिंता का विषय है तहसील न्यायालय में आए दिन किसी न किसी कारण से अधिवक्तागड़ हड़ताल पर चले जाते हैं जिसके कारण से न्यायिक कार्य सही समय पर नहीं हो
पाते और न्यायमूर्ति महोदय ने कहा तहसील स्तर पर अधिकतर छोटी तपते के लोग व किसानों के व राजस्व के मामले रहते हैं जो की इस हड़ताल से परेशान होते हैं हरदोई में ग्रेट लॉयर्स एसोसिएशन ने बार काउंसिल के अध्यक्ष की यात्रा के कारण भी हड़ताल का प्रस्ताव पारित किया था जिस पर न्यायमूर्ति महोदय ने कड़ी निंदा की प्रदेश बार काउंसिल ने अपना हलफनामा दाखिल किया संबंधित हित अधिकारों और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला न्यायालयों में हड़ताल के आयोजन से संबंधित पहलू पर अगले दो सप्ताह के भीतर एक नए बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव किया है बार काउंसिल आफ इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले विद्वान वकील श्री साइन गिरधर ने बताया कि बार काउंसिल आफ इंडिया इसके लिए प्रतिबद्ध है कि वकीलों द्वारा बिना किसी कारण अनावश्यक हड़ताल नहीं करना है
शांतिपूर्ण कामकाज बनाए रखना है और इस संबंध में उचित तौर तरीकों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा एक बयान दिया गया है कि बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष अगले अवसर पर अदालत की सहायता के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिला न्यायालयों में हड़ताल की अनुमति न हो बार काउंसिल आफ इंडिया की ओर से दिए गए बयान को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की ओर से पेश वकील ने अपना लिया तथा इस न्यायालय के वरिष्ठ रजिस्टर को इस आदेश को औपचारिक रूप से करने को कहा तथा न्यायमूर्ति महोदय ने कहा (पूर्व कप्तान हरीश बनाम उप्पल बनाम भारत संघ और अन्य) 2003(2) एसीसी 45 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को याद दिलाते हुए कहा कि इस प्रकार की यदि कोई हड़ताल की जाती है तो संबंधित बार के अध्यक्ष व पदाधिकारी होंगे जिम्मेदार उनके ऊपर अवमानना की कार्यवाही भी की जा सकती है
इस ऐतिहासिक फैसले से पूरे उत्तर प्रदेश के निचली अदालतों तथा तहसील स्तर पर खास असर पड़ेगा जिससे आम जनमानस को यदि यह आदेश पूर्ण रूप से लागू हो जाता है या हड़ताल के लिए नए नियम लागू होते हैं तो न्याय में भी तेजी आएगी यह मामला भले ही एक जनपद के एक तहसील का हो लेकिन उसका असर पूरे प्रदेश पर पड़ा है अधिवक्ता उच्च न्यायालय आशुतोष सिंह एवं अवधेश मिश्रा की मेहनत रंग ला सकती है पूरे प्रदेश के चेहरे पर ला सकती है मुस्कान जो तहसील व अन्य निचली अदालतों में हड़ताल व लंबे समय के न्याय व्यवस्था से है परेशान लोगों की न्याय व्यवस्था का रास्ता आसान कर सकती है
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
प्रयागराज महाकुम्भ 2025 की शुरुआत में ही आस्था और भक्ति का जन सैलाब उमड़ पड़ा ।
14 Jan 2025 22:37:12
ए.के. शर्मा ने महाकुंभ का पहला अमृत स्नान सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए मेला प्रशासन, नगर विकास, ऊर्जा विभाग, पुलिस...
अंतर्राष्ट्रीय
भारत ने पाकिस्तान में जासूसी एजेंसी रॉ से हत्याएं कराईंः वॉशिंगटन पोस्ट का दावा।
02 Jan 2025 12:19:48
स्वतंत्र प्रभात। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट का कहना है कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) ने...
Comment List