मीटर रीडिंग की फोटो खींचते ही बन जाएगा बिजली का बिल

मीटर रीडिंग की फोटो खींचते ही बन जाएगा बिजली का बिल

अंबेडकरनगर। जनपद के चार लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओंं के लिए राहत की खबर है। अब बिजली का बिल बनाने में मीटर रीडरोंं की मनमानी नहीं चल सकेगी। अब मीटर रीडर ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (ओसीआर) एप्लीकेशन की मदद से बिजली का बिल बनाएंगे। इससे बिजली का बिल निकलने के दौरान रीडिंग मेंं किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी। जिले के 42 उपकेंद्रोंं से चार लाख 10 हजार बिजली उपभोक्ता जुड़े हैं। इन उपभोक्ताओं तक समय से बिजली का बिल पहुंचाने की जिम्मेदारी 292 मीटर रीडरोंं के हाथोंं मेंं है। अभी तक मीटर रीडर विद्युत उपभोक्ता के मीटर से रीडिंग लेकर मशीन से बिल बनाते हैं।
 
इसमें कई बार उपभोक्ता मीटर रीडिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाते रहते हैं। इन सबको देखते हुए बीते दिनों नई तकनीक ओसीआर (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन) से बिजली का बिल बनाने का निर्णय हुआ। इससे काम भी शुरू कर दिया गया है। यह एप्लीकेशन मीटर रीडर के मोबाइल में लोड रहेगा। इससे मीटर रीडर जैसे ही मीटर से रीडिंग और डिमांड की फोटो खींचेगा, तो वैसे ही रीडिंग और डिमांड एप्लीकेशन पर दर्ज हो जाएगी।
 
उसी के अनुसार बिल भी बन जाएगा। इस एप्लीकेशन की ऑनलाइन मॉनीटिरिंग भी होती रहेगी। इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओंं को काफी सुविधा मिले सकेगी। पहले मीटर रीडर द्वारा मैनुअल मशीन से रीडिंग अंकित कर बिल दिया जाता था। ऐसे में कई बार मीटर रीडर बिना मौके पर गए ही, बिल बनाकर भेज देते थे। लेकिन अब इस नई तकनीकी से मीटर रीडरों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।
 
बिजली बिल में नहीं होगी गड़बड़ी
मीटर रीडरों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ओसीआर तकनीक से बिजली का बिल निकाला जा रहा है। नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को बिजली बिल में गड़बड़ी की समस्या से निजात मिलेगी। -संजय कुमार, एक्सईएन मीटर

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