समुदायिक स्वास्थ केंद्र तुलसीपुर में बाहरी दवाओं के नाम पर हो रहा  मरीजो का शोषण

सीएचसी अधीक्षक व डॉक्टर बाहरी पर्चे की दवा मंगा कर रहे गरीब का इलाज

समुदायिक स्वास्थ केंद्र तुलसीपुर में बाहरी दवाओं के नाम पर हो रहा  मरीजो का शोषण

कमीशन के चक्कर मे लगातार बाहरी दवा लिख रहे तुलसीपुर सीएचसी के सरकारी डाक्टर

विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट 

बलरामपुर
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार बड़े बड़े भले ही  करें की स्वास्थ विभाग में सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त है और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना साकार हो रहा है ।इसके लिए सरकार तमाम योजनाओं के माध्यम से लाखों, करोड़ो रुपए खर्च करने के साथ मरीजो के समुचित फ्री इलाज की बात करती है और बड़े बड़े दावे करती है। इसके बाद भी हकीकत बिल्कुल उलट ही साबित हो रही है। जंहा दवा व जांच के नाम पर कमीशन का बड़ा खेल चल रहा है जिसमे सीएमओ मुकेश रस्तोगी की संलिप्ता से इनकार नही किया जा सकता । हाल तो यह है कि अस्पताल परिसर के बाहर खुले मेडिकल स्टोर के लोग मरीजो के पर्चे के लिये सीएचसी अधीक्षक विकल्प मिश्र के केबिन में सेटिंग गेटिंग का खेला किया जाता है और मरीजो के साथ केबिन में घुसे रहते है जिसमे अधीक्षक के चहेते मेडिकल स्टोर वालो की लंबी कतार होती है ।अगर सूत्रों की माने तो अपने चहेते दूकानों पर अधीक्षक खुद की दवा बिचवा कर भारी कमीशन का खेल करते है । जिस तरह पिछले अधीक्षक डॉ सुमन्त के जमाने मे होता रहा है की बात मरीजो के माध्यम से पता चलता रहा है । जिसपर खबरे भी प्रकाशित हो चुकी है जिसमे यह कहा जा रहा की निजी दवा आशाओ से बिकवाते रहे है जिसको लेकर विभाग के द्वारा उनका ट्रांसफर कर विकल्प मिश्र को श्रीदत्तगंज से भेजा गया लेकिन बाहरी दवा पर अंकुश न लगता दिखाई दे रहा और वही खेल आज भी बरकरार है फर्क इतना है कि तब सुमन्त सिंह का नाम आता था और अब डॉ विकल्प का नाम आ रहा बाकी दवा से लेकर तमाम सुविधा विभागीय अस्पतालों में मिलने रही है की बात तो की जाती है लेकिन सच उसके उलट ही दिखता है जंहा स्वास्थ विभाग में भ्र्ष्टाचार होने की बात आम सी हो गई है जहां सरकारी दवाओ के साथ जांच व अन्य सुविधाएँ कमीशन खोरी की भेंट चढ़ रही है । और दवा से लेकर जांच तक की सुविधाएं गरीब मरीजो को नही मिल पा रही है और कमीशन का खेल लगातार खेला जा रहा है जिससे मरीजों को भारी रकम दवाओ और जांच के नाम बड़ी रकम भुगतान करना पड़ता है जिसमे डाक्टरो का कमीशन सेट होता है । जिससे मरीजो को मुफ्त इलाज की सुविधाएं नही मिल रही और योजना का लाभ उन तक पहुचने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाता है की बात सामने आरही है । वही मरीजो के जेब पर भारी दामों का  बोझ पड़ रहा है की तस्वीर सामने आ रही है ।
मामला की  तुलसीपुर समुदायिक स्वास्थ केंद्र तुलसीपुर   की स्थित इतनी खराब है जंहा बाहरी जांच व दवा खरीदने का मामला  अक्सर देखने को मिल रही है। जहां पर मरीज को बाहरी जांच व दवा का पर्चा थमा  दिया जाता है जिसको खरीदने को मरीज मजबूर होते हैं। जिसको लेकर जब पत्रकारों की टीम ने जब सर्वे किया तो वहां  पूरा मामला खुलकर सामने आया कि किस प्रकार बाहरी दवा के नाम मरीजो का शोषण डॉक्टरों द्वारा किया जाता है इसमें शाहिद शालिनी नीलम गुप्त रुखसाना गुड़िया व अन्य मरीज ने बताया कि हमें सरकारी अस्पताल से इलाज को लेकर  बाहरी दवा लाने को लेकर बाहर का पर्चा दिया गया कि यह दवा बाहर खरीदना होगा । जिससे  हमें काफी समस्या हो रही है । वही मरीजो के जेब ढीली हो रही है ।जिसको लेकर जब सीएमओ को फोन किया जाता है तो उनका फोन नेटवर्क प्रॉब्लम से नही उठा जिससे सम्बन्धित विषय पर उनका पक्ष नही मिल सका ।

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